अमृतसर। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश तो पंजाब पुलिस कर ही रही है। अब उसके परिजनों की तरफ भी जांच की सुई घूम गई है। जानकारी के मुताबिक पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियां अब अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर और परिवार के अन्य लोगों के बैंक खातों, उनके संबंधों और कहां वे पिछले दिनों गए इसकी जांच कर रही हैं। इनके अलावा अमृतपाल के करीब रहने वाले करीब 500 लोगों की भी पड़ताल की जा रही है। अमृतपाल सिंह ने किरणदीप कौर से 10 फरवरी को शादी की थी। किरणदीप एनआरआई है और उसका चेहरा आजतक किसी ने नहीं देखा है। खबर ये भी है कि पंजाब पुलिस ने देश की 13 जेलों की पहचान की है। इन जेलों में अमृतपाल सिंह के समर्थकों को रखा जाएगा। अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत 8 करीबियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल सिंह के किसी भी करीबी को पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां बख्शने के मूड में कतई नहीं हैं। पंजाब में 80 से 90 के दशक तक चले खालिस्तान आंदोलन के दौरान आतंकवाद जैसी घटनाएं फिर न होने देने की पूरी तैयारी की गई है। अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नजर काफी दिनों से थी, लेकिन जब उसने समर्थकों के साथ मिलकर अमृतसर के अजनाला थाने पर 24 फरवरी को धावा बोला, तो अमृतपाल पर सख्त कार्रवाई का खाका खींचा गया। इसी खाके और रणनीति के तहत जी-20 की अमृतसर में बैठक से पहले केंद्रीय बलों की 18 कंपनियों को पंजाब भेजा गया था।
खुफिया एजेंसियों ने अमृतपाल सिंह की कुंडली खंगालनी शुरू की, तो तमाम और हैरतअंगेज जानकारियां सामने आ रही हैं। पता चला है कि भारत आने से पहले अमृतपाल सिंह दुबई से जॉर्जिया गया था। वहां उसने हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी। इसी ट्रेनिंग के दौरान उसने आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) तैयार करने का फैसला किया था। पंजाब में गड़बड़ी फैलाकर माहौल खराब करने की सारी साजिश अमृतपाल सिंह और खालिस्तानी तत्वों ने जॉर्जिया में रची थी। अब इसकी जानकारी खुफिया एजेंसियां लगा रही हैं कि पंजाब को दोबारा आतंकवाद में झोंकने की अमृतपाल की इस साजिश में और कौन-कौन सक्रिय तौर पर काम कर रहा था।