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Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के बारे में आई बड़ी खबर, अब इनके साथ ये करने जा रही पंजाब पुलिस

Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह और साथियों ने रायफल, तलवार वगैरा लेकर अमृतसर के अजनाला थाने पर धावा बोला था। अजनाला थाने में अमृतपाल सिंह का साथी पप्पलप्रीत सिंह बंद था। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह समेत करीब 250 लोगों ने अजनाला थाने पर धावा बोला था। इस मामले के बाद अमृतपाल सिंह ने देशविरोधी बयान भी दिए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया और काफी मशक्कत के बाद अमृतपाल सिंह और साथियों को गिरफ्तार किया।

अमृतसर। निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह और साथियों के बारे में बड़ी खबर आई है। न्यूज चैनल एबीपी के मुताबिक अमृतपाल सिंह के कुछ साथियों पर से पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए हटाने जा रही है। इसके साथ ही पंजाब पुलिस अब सोमवार को अमृतपाल सिंह और साथ में गिरफ्तार किए गए लोगों को असम की डिब्रूगढ़ जेल से ले आएगी। इन सभी को पंजाब की किसी जेल में रखा जाएगा। अमृतपाल सिंह और साथियों ने रायफल, तलवार वगैरा लेकर अमृतसर के अजनाला थाने पर धावा बोला था। अजनाला थाने में अमृतपाल सिंह का साथी पप्पलप्रीत सिंह बंद था। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह समेत करीब 250 लोगों ने अजनाला थाने पर धावा बोला था।

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इस मामले के बाद अमृतपाल सिंह ने देशविरोधी बयान भी दिए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया और काफी दिनों की मशक्कत के बाद अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया। अमृतपाल सिंह के साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। अमृतपाल सिंह और साथियों को एनएसए लगाकर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। पिछले लोकसभा चुनाव में अमृतपाल सिंह ने भी उम्मीदवारी की थी। अमृतपाल सिंह को पंजाब के खडूर साहिब सीट से लोगों ने सांसद चुना था। पंजाब पुलिस ने अजनाला थाने पर हमले के मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और इसी वजह से कोर्ट का सामना कराने के लिए अमृतपाल सिंह और साथियों को असम से राज्य लाया जा रहा है।

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अमृतपाल सिंह ने बीते दिनों कोर्ट में अर्जी देकर संसद की कार्यवाही में शामिल होने की मंजूरी मांगी थी। अमृतपाल सिंह का कहना था कि संसद की कार्यवाही में शामिल न होने पर संसद सदस्यता चली जाएगी। हालांकि, अमृतपाल को संसद की कार्यवाही में शामिल होने की अब तक मंजूरी नहीं मिली है। एबीपी न्यूज के मुताबिक अमृतपाल सिंह के साथियों दलजीत सिंह कलसी, कुलवंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह, हरजीत सिंह और बसंत सिंह पर से एनएसए हटाया जाएगा। अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और जीत सिंह पर एनएसए लगा रहेगा। अमृतपाल सिंह पहले कनाडा में रहता और काम करता था। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद वो पंजाब लौटा और वारिस पंजाब दे नाम के संगठन का मुखिया बन गया। जिसके बाद अमृतपाल सिंह पर लगातार भारत विरोधी बयानबाजी करने का आरोप लगता रहा। उसके साथ बड़ी तादाद में हथियारबंद लोग भी चलने लगे थे। यहां तक कि अमृतपाल सिंह पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को धमकी देने का भी आरोप लग चुका है। अमृतपाल ने कहा था कि अमित शाह को भी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की तरह कीमत चुकानी होगी।