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Raghav Chadha: राज्यसभा से सस्पेंड होने के बाद राघव चड्ढा ने बदला अपना ट्विटर बायो, लिखा निलंबित सांसद

Raghav Chadha: राघव चड्ढा की बात करें, तो उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली लोक सेवा बिल प्रवर समिति को भेजने के लिए सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया। राघव द्वारा सौंपे गए पत्र में जिन सांसदों के हस्ताक्षर हैं, वही सांसद अब सामने उस पर हस्ताक्षर किए जाने से इनकार कर रहे हैं।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अपना ट्विटर बायो बदल दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को निलंबित सांसद बताया है। ध्यान दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संसद सदस्यता जाने के बाद अपना ट्विटर बायो बदल दिया था, जिसमें उन्होंने खुद को डिस्क्वालिफाई सांसद बताया था। हालांकि, बाद में जब उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी गई थी, तो उन्होंने अपने ट्विटर बायो से डिस्क्वालिफाई शब्द बटा दिया था। वहीं, राघव ने भी खुद को निलंबित सांसद के रूप में ट्विटर में चिन्हित किया है। बता दें कि संसद का यह मानसून सत्र आम आदमी पार्टी के लिए कुछ ठीक नहीं रहा। आप के तीन सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

बीते दिनों आप सांसद संजय सिंह को मणीपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा लोकसभा में आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को भी दिल्ली लोक सेवा बिल की प्रति फाड़ने के आरोप निलंबित कर दिया गया था। इस तरह से अब तक आप के तीन सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, संसद के दोनों सदनों में आप की तमाम कोशिशों के बावजूद भी दिल्ली लोक सेला बिल ध्वनिमत से पारित हो गया जिसे अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद मंजूरी मिल चुकी है।

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इसके अलावा भारत सरकार ने भी इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित अधिकार वापस उपराज्यपाल को मिल चुके हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यह अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था, लेकिन कोर्ट के फैसले के हफ्तेभर बाद केंद्र इसके विरोध मे बिल लेकर आ गई, जिसका आप ने विरोध किया था। इसे संवैधानिक संकट बताया, लेकिन अमित शाह ने अपने सियासी सूझबूझ का सहारा लेकर इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराने में सफल रहे, जिसे आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि संसद का यह मानसून सत्र आम आदमी पार्टी के लिए सियासी मोर्चे पर कुछ ठीक नहीं रहा।

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उधर, राघव चड्ढा की बात करें, तो उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली लोक सेवा बिल प्रवर समिति को भेजने के लिए सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया। राघव द्वारा सौंपे गए पत्र में जिन सांसदों के हस्ताक्षर हैं, वही सांसद अब सामने आकर उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर रहे हैं। इस तरह से अब इस पूरे मामले में राघव चड्ढा पर फर्जी सिग्नेचर किए जाने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद अब संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें निलंबित कर दिया था, जिसके विरोध में राघव चड्ढा ने वीडियो जारी किया था, जिसमें वो केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो राघव कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। यह बीजेपी की साजिश है।

उनकी छवि को धूमिल करने के बाद यह साजिश रची जा रही है। बीजेपी इस बात से डर गई है कि कैसे एक 34 साल का सांसद उन्हें सदन चुनौती दे सकता है। वहीं, राघव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है। बहरहाल, विशेषाधिकार समिति की जांच रिपोर्ट आने तक राघव की संसद सदस्यता निलंबित रहेगी। वहीं, संजय सिंह की निलंबन की मियाद भी बढ़ा दी गई है। अब ऐसे में आगामी दिनों में आम आदमी पार्टी का सियासी रुख कैसा रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।