नई दिल्ली। हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री केयर्स फंड के तहत मिलने वाले वेंटिलेटर पर सवाल खड़े किए गए थे। अब वेंटिलेटर बनाने वाली संस्था की ओर से राहुल गांधी को जवाब दिया गया है और सभी आरोपों को नकारा गया है। इसके साथ ही AgVa के मालिक, प्रोफेसर दिवाकर वैश ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि आप डॉक्टर नहीं हैं लेकिन मैं उन्हें डेमो देना चाहता हूं।
बता दें कि पीएम केयर्स फंड के तहत AgVa हेल्थकेयर वेंटिलेटर बना रही है। इसके को-फाउंडर प्रोफेसर दिवाकर वैष ने कहा है कि उनके वेंटिलेटर पर जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वो निराधार हैं। क्वालिटी के आधार पर उनका वेंटिलेटर हर मानक पर खरा उतरता है।
#WATCH: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare gives a demo of AgVa ventilator after reports of problems in FiO2 levels and other technical glitches. pic.twitter.com/JcoDXvvYMR
— ANI (@ANI) July 7, 2020
प्रोफेसर दिवाकर ने कहा कि हमारे वेंटिलटर करीब 5 से दस गुना तक सस्ते हैं, एक वेंटिलेटर की कीमत 10-15 लाख तक होती है। लेकिन हमारे वेंटिलेटर की कीमत डेढ़ लाख रुपये तक है। इन प्रोडक्ट्स में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का जाल काम करता है, क्या वो लोग (विरोध करने वाले) स्वदेशी प्रोडक्ट को बढ़ावा नहीं देंगे।
#WATCH: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare, responds to Rahul Gandhi’s tweet of a media report alleging technical glitches in AgVa ventilators pic.twitter.com/zNhonHOG7X
— ANI (@ANI) July 7, 2020
प्रोफेसर दिवाकर ने कहा कि कुछ लोगों को टेक्निकल चीजों की बात पता नहीं थी और वो मार्केटिंग से थे, उन्होंने इसपर सवाल किया। अब राहुल गांधी जी को ये बात पता नहीं होगी, क्योंकि वो डॉक्टर तो है नहीं.. इसलिए उन्होंने इसे रिट्वीट कर दिया।
बता दें कि कांग्रेस नेता ने इन वेन्टिलेटरों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगते हुए कहा था कि देश के कई प्रतिष्ठित अस्पताल, डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि अग्वा कंपनी ने बेकार और दोयम दर्जे के वेंटिलेटर सप्लाई किए हैं, जिसमें गड़बड़ी करके यह दिखाया जाता है कि ऑक्सीजन सप्लाई इतनी हो रही है और जबकि होती नहीं है। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पीएम केयर्स की अपारदर्शिता के कारण देश की जनता के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है और लोगों के पैसे का इस्तेमाल घटिया क्वॉलिटी के उत्पाद खरीदने में किया जा रहा है।