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Rahul Gandhi:‘राहुल गांधी BJP के लिए TRP हैं इसलिए…’, CM ममता के बयान से फिर लगा विपक्षी एकता को जोरदार झटका

Rahul Gandhi: इसके विपरीत बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही फायदा पहुंचेगा। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब ममता ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है, बल्कि इससे पहले भी उन्होंने कांग्रेस नेता को आड़े हाथों लिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी अब आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व तीसरा मोर्चा बनाने में जुट चुकी है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करने के दौरान एक ऐसा ऐलान किया है, जिसके बाद से विपक्षी दलों की एकता को जोरदार झटका लगा है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संदर्भ में कहा कि, ‘अगर उन्हें विपक्षी दलों का नेता बनाया गया तो, इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। राहुल गांधी से बीजेपी को सबसे ज्यादा टीआरपी मिलती है’। ममता ने आगे कहा कि, ‘बीजेपी चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बने रहे, जो कि मुमकिन नहीं है। कांग्रेस राहुल को विपक्षियों के नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए संसद में लगातार हंगामा कर रही है। जिन मुद्दों पर संसद में बहस होनी चाहिए, उन पर बहस नहीं हो रही है। हम तो चाहते हैं कि सीएए, समान नागरिक आचार संहिता और अडानी जैसे जरूरी मसलों पर बहस हों, लेकिन कांग्रेस लगातार राहुल को विपक्षियों के नेता के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट रूप से कह देना चाहती हूं कि ऐसा करके कांग्रेस को सियासी मोर्चे पर कभी फायदा नहीं मिलने वाला है।

इसके विपरीत बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही फायदा पहुंचेगा। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब ममता ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है, बल्कि इससे पहले भी उन्होंने कांग्रेस नेता को आड़े हाथों लिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी अब आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व तीसरा मोर्चा बनाने में जुट चुकी है। बता दें कि बीते दिनों ममता बनर्जी की उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच मुलाकात के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व तीसरा मोर्चा बनाने की रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई थी। ध्यान रहे कि टीएमसी के बाद सपा ही है, जिसने कई मौकों पर विपक्षी एकता को चोट पहुंचाई है।

उधर, दक्षिण की लॉबी से इस फेहरिस्त में भारत राष्ट्र समिति का नाम भी शामिल है, जिससे यह स्पष्ट है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व यह सभी अपने सियासी स्थिति को मजबूत करने के लिए तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुट चुके हैं। अब ऐसे में यह तीसरा मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए किसके लिए झटका और किसके लिए अवसर बनता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।