
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले कैम्ब्रिज में दिए भारतीय लोकतंत्र पर बयान को लेकर विपक्षियों के निशाने पर आए। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के यौन शोषण का मुद्दा उठाने की वजह से फंस गए। इस मामले में बीते दिनों उनसे दिल्ली पुलिस ने पूछताछ भी की थी, जिसे लेकर कांग्रेस ने पूरे देश में खूब हो-हल्ला किया था, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि हम राहुल को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि उन महिलाओं की जानकारी मांगने आए हैं, जिसका जिक्र उन्होंने यौन पीड़िताओं के रूप में अपने भाषण में किया था। वहीं, अब वे एक और नए पचड़े में फंस गए हैं।
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाषण के दौरान मोदी सरनेम को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर आज सूरत कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई, लेकिन गनीमत रही कि उन्हें फौरन जमानत मिल गई, जिसकी वजह से वे सलाखों के पीछे जाने से बच गए, नहीं तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ जाती। बहरहाल, अब इस पूरे मसले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक रैली को संबोधित करने के दौरान राहुल ने कह दिया था कि सारे मोदी सरनेम के लोग चोर होते हैं। इस बीच उन्होंने नीरव मोदी का भी जिक्र किया था।
बता दें कि राहुल के इस बयान को लेकर देशभर में बवाल हुआ था, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि के तहत मामले दर्ज करवाए गए थे। जिस पर आज सुनवाई हुई और कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई। उधर, कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी लगातार विपक्षियों की आवाज कुचलने की कोशिश कर रही है। बता दें कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक ने कोर्ट के फैसले की निंदा कर इसे विपक्षियों की आवाज को कुचलने जैसा बताया है। बीजेपी का कहना है कि राहुल ने अपने बयान के जरिए पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की थी, जो कि निंदनीय है। वहीं, अब लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कानून के मुताबिक, किसी भी सियासी नुमाइंदे को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक सजा सुनाए जाने के बाद उसकी संसद की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगता है। इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि उसकी संसद की ससदस्यता निरस्त की जा सकती है। वहीं अब जिस तरह से राहुल को उक्त प्रकरण में दो साल की सजा सुनाई गई है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि सियासी मोर्चे पर उनके विरुद्ध क्य़ा कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। उधर, बीजेपी से लगातार संसद की सदस्यता रद्द करने की मांग की जा रही है। ध्यान रहे, अगर उनकी संसद सदस्यता रद्द होती है, तो उनके वे 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।