नई दिल्ली। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोणी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश के कृषि मंत्री के इस तरह से अचानक इस्तीफा देने के चलते राजस्थान की सियासत में हलचल शुरू हो गई है। मीणा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजन लाल को भेज तो दिया है लेकिन उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। राजस्थान में पिछले साल दिसंबर में बनी बीजेपी सकरार में किरोणी लाल को कृषि मंत्री बनाया गया था फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस कारण हम आपको बताते हैं। दरअसल किरोणी लाल मीणा ने अपने एक वादे के चलते कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान किरोणी लाल ने यह वादा किया था कि उनके प्रभार क्षेत्र में आने वाली 7 सीटों में से बीजेपी अगर एक भी सीट हार गई तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। मीणा के प्रभार क्षेत्र में दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी, करौली-धौलपुर और जयपुर ग्रामीण की सीटें थीं। चुनाव के बाद जब परिणाम आया तो बीजेपी 7 में से 3 सीट ही जीत सकी। 4 सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इसी के बाद से किरोणी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
किरोणी लाल ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बीते दिनों ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई’ लिखकर चर्चाओं का बाजार और गर्म कर दिया। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही मीणा ने सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। 15 जून को माउंट आबू दौरे पर मीणा ने कहा था कि इस्तीफे की बात कह दी है तो अब वादा तो पूरा करना ही पड़ेगा। अब किरोणी लाल मीणा ने अपना वादा पूरा करके गेंद बीजेपी हाईकमान के पाले में डाल दी है।