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EVM Controversy: ईवीएम को लेकर आपस में भिड़े राजीव चंद्रशेखर और एलन मस्क, जानिए क्या है पूरा मामला?

EVM Controversy: प्यूर्टो रिको में विवाद ने ईवीएम सुरक्षा के बारे में नए सिरे से चर्चा को बढ़ावा दिया है। वहां प्राथमिक चुनाव ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताओं से प्रभावित हुए थे। हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में सक्षम बनाया।

नई दिल्ली। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने संभावित छेड़छाड़ की आशंकाओं के कारण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के इस्तेमाल के खिलाफ सलाह दी है। उनकी टिप्पणी ईवीएम की सुरक्षा पर बढ़ती वैश्विक बहस के बीच आई है, जो हाल ही में प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में अनियमितताओं के आरोपों से और तेज हो गई है। मस्क ने ट्वीट किया, “हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से दूर रहना चाहिए। कोई व्यक्ति या एआई उन्हें हैक कर सकता है। जोखिम कम है, लेकिन फिर भी बहुत अधिक है।”

प्यूर्टो रिको में विवाद ने ईवीएम सुरक्षा के बारे में नए सिरे से चर्चा को बढ़ावा दिया है। वहां प्राथमिक चुनाव ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताओं से प्रभावित हुए थे। हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में सक्षम बनाया।


रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के ट्वीट ने बहस छेड़ दी

मस्क की टिप्पणी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे और 2024 के अमेरिकी चुनावों के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया थी। कैनेडी ने ट्वीट किया था, “एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान अनियमितताएँ देखी गईं। सौभाग्य से, एक पेपर ट्रेल था, इसलिए समस्या की पहचान की गई, और वोटों की गिनती को सही किया गया। बिना पेपर ट्रेल वाले अधिकार क्षेत्रों में क्या होता है?”

भारत में ईवीएम सुरक्षा

कैनेडी जूनियर ने इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप को रोकने और वोटों की सटीक गिनती सुनिश्चित करने के लिए चुनावों में पेपर बैलेट की वापसी की वकालत की। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में ईवीएम को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं, भारत में स्थिति एक विपरीत तस्वीर पेश करती है। भारत तीसरी पीढ़ी के ईवीएम का उपयोग करता है, जिसे एम 3 ईवीएम के रूप में जाना जाता है, जो छेड़छाड़-प्रूफ हैं। ये मशीनें ‘सुरक्षा मोड’ में चली जाती हैं और किसी भी छेड़छाड़ का पता चलने पर निष्क्रिय हो जाती हैं।


राजीव चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के बयान का विरोध करते हुए इसे बिना आधार के “बहुत व्यापक सामान्यीकरण” कहा। उन्होंने ट्वीट किया, “यह एक बहुत ही व्यापक बयान है जिसका अर्थ है कि कोई सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बनाया जा सकता है। यह गलत है। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, कोई वाई-फाई नहीं, कोई इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं। फैक्ट्री-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिज़ाइन और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, एलन।”