नई दिल्ली। बीते दिनों मीडिया में खबर आई थी कि आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के पास मौजूदा भारतीयों का डेटा लीक हो गया है, जिसके बाद लोगों के बीच हड़कंप मच गया। दरअसल, आईसीएमआर के पास करोड़ों भारतीयों का डेटा मौजूद है, क्योंकि कोरोना काल में कई लोगों को अपने स्वास्थ्य दुश्वारियों की वजह से आईसीएमआर से संपर्क साधना पड़ा था। ऐसे में इस एजेंसी के पास लोगों की जानकारी का होना लाजिमी है, लेकिन बीते दिनों जैसे ही खबर आई कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से डेटा लीक हो गया है, तो लोगों के बीच हड़कंप मच गया। हालांकि, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस खबर की विश्वनीयता पर भी सवाल उठाए, लेकिन आज भोपाल में प्रेसवार्ता को संबोधित करने के क्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस खबर की विश्वनीयता पर मुहर लगा दी। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने प्रेसवार्ता में क्या कुछ कहा?
क्या बोले केंद्रीय आईटी मंत्री
बता दें कि केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, ‘लीक के सबूत मिले हैं, लेकिन पूर्णत: यह नहीं कहा जा सकता है कि डेटा लीक हुआ है। हालांकि, इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच अलग-अलग डेटाबेस बनाए जा रहे हैं। इसके लिए काफी सारे एक्सेस भी दिए गए थे। हालांकि, डेटा लीक हुआ है। इसके सबूत भी सामने आए हैं। वहीं, राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मैंने डेटा प्रोटेक्शन बिल के दौरान ही कहा था कि पूरे फ्रेमवर्क को एडजस्ट करने में समय लगेगा।
विभिन्न विशेषज्ञों ने उठाया था मुद्दा
ध्यान दें, बीते दिनों जब आईसीएमआर से डेटा लीक होने की खबर सामने आई थी, तो तमाम विशेषज्ञों ने यह मुद्दा उठाया था। यही नहीं, कई नेताओं ने इस पूरे मुद्दे को उठाते हुए ईडी और सीबीआई जांच की भी मांग की थी, लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले को लेकर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।