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Rajnath Singh: ‘भरोसे लायक नहीं पाकिस्तान, क्योंकि..’, राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को दिया ये सुझाव

Rajnath Singh : आज अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन भारत दौरे पर आए, जहां उनकी मुलाकात उनके समकक्ष केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई। दोनों के बीच भारत-अमेरिका के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में द्विपक्षीय वार्ता हुई। अब इस वार्ता का आगामी दिनों में क्या नतीजा निकलकर सामने आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

नई दिल्ली। दो जून की रोटी को मुहाल पाकिस्तान अब विश्व फलक पर भी अलग-थलग पड़ चुका है। उसकी बदहाली का आलम कुछ ऐसा है कि उसे कोई पूछ तक नहीं रहा है। त्राहि-त्राहि कर रहे पाक पर कोई रहम तक खाने की जहमत नहीं उठा रहा है। मुल्क के आवाम की दुर्दशा अब जानवरों से भी बदतर हो चुकी है। लेकिन आज अगर पाकिस्तान की ऐसी हालत है, तो उसका जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि वो खुद ही है। अब तक पाकिस्तान ने अपनी स्थिति को दुरूस्त करने के इरादे से जो भी कदम उठाए हैं, उसका उसे साइड इफेक्ट ही देखने को मिला है और अब उसकी दुर्गति कुछ इस कदर अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि विश्व फलक पर भी उसका सब साथ छोड़ रहे हैं। यकीन ना हो तो अमेरिका को ही देख लीजिए।

आज अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन भारत दौरे पर आए, जहां उनकी मुलाकात उनके समकक्ष केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई। दोनों के बीच भारत-अमेरिका के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में द्विपक्षीय वार्ता हुई। अब इस वार्ता का आगामी दिनों में क्या नतीजा निकलकर सामने आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आपको बता दें कि इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से बड़ी अपील की है जिससे अवगत होने के बाद पाकिस्तान चिढ़ सकता है। दरअसल, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से अपील की है कि वो पाकिस्तान पर भरोसा ना करें। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कहने से गुरेज नहीं किया कि हथियारों के मामले में पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। अगर उस पर भरोसा करने की जहमत उठाई गई, तो इससे क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा हो सकती है।

पाकिस्तान क्षेत्रीय अस्थिरता को पैदा करने के ध्येय से तकनीक का दुरुपयोग भी कर सकता है। वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया। इस बीच दोनों मंत्रियों के बीच भारत-अमेरिका के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में भी विस्तृत वार्ता हुई। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सामरिक मोर्चे पर दोनों देशों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।