
नई दिल्ली। सवाल बड़ा है…? और पूछा भी जाएगा और जवाब भी देना होगा, नहीं दिया तो जनता इसका जवाब देगी और वो भी करारा। जी हां….सवाल उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या को लेकर है। जिस तरह से जेहादी मानसिकता वाले दो आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी है, उसे लेकर है। जरा ध्यान दीजिएगा….कन्हैयालाल के बेटे ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में स्टेटस डाला था। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए इन आरोपियों ने कन्हैया को निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया, लेकिन ध्यान रहे कि कन्हैया को आरोपियो की तरफ से जान से मारने की धमकी पिछले कई दिनों से दी जा रही थी, जिसकी शिकायत भी उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई थी, लेकिन मजाल हो कि गहलोत की पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब समझा हो। इतना ही नहीं, कन्हैया के जेहन में पनपे खौफ का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि वे पिछले कई दिनों से इस डर से अपनी टेलर की दुकान भी नहीं खोल रहे थे कि उन्हें मार न दिया जाए। दिन-रात….सुबह शाम….हर पहर… महज उन्हें यही डर सता रहा था…लेकिन अफसोस वो मनहूस घड़ी भी आ ही गई, जब उनका यह खौफ वास्तविकता में तब्दील हो गया और इन जेहादी मानसिकता वाले दो उन्मादी आरोपियों ने कन्हैया को हमेशा-हमेशा के लिए हम सबसे छीन लिया। छीन लिया इन दरिंदों ने उस मासूम से उसका पिता, जो हर शाम अपने पिता की बाट जोहा करता था, छीन लिया इन दरिंदों ने उस औरत से मांग का सिंदूर। इस निर्मम प्रकरण के बाद लोगों में रोष देखने को मिल रहा है।
सियासी बिरादरी से उठी गहलोत के इस्तीफे की मांग
अब जरा इस माजरे में गहलोत साहब की हिमाकत देखकर आपका गुस्सा सांतवे आसमान पर न पहुंचा जाए तो कहिएगा हमसे…हत्या हुई राजस्थान में…शासन-व्यवस्था की बागडोर है गहलोत साहब के कांधे पर और जनाब भड़क रहे हैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर। वाह रे भइया वाह। जरा साहब के लिए ताली ठोंकिए। खैर, अब गहलोत साहब अपना पलीता लगवा ही लिए हैं। सियासी बिरादरी में चौतरफा उनके ही इस्तीफे बयार बह रही है। बीजेपी की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। अब राज्यवर्धन राठौर भी सामने आ गए हैं। अमूमन, अपने सौम्य रवैये के लिए चर्चा में रहने वाले राज्यवर्धन का गुस्सा उदयपुर हत्याकांड को लेकर अपने चरम पर पहुंच चुका है।
सीएम कुर्सी छोड़ें गहलोत
उन्होंने तो प्रेसवार्ता में साफ कर दिया है कि जब भी राज्य में कोई भी घटना होती है, तो सीधा प्रधानमंत्री से अपील करते हैं, तो फिर आप कुर्सी क्यों नहीं छोड़ देते हैं। ये लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं, जो कि हमारे देश को बांटने का काम कर रही है। विदेश और देश में बैठे आतंकी संगठन हमारे देश को अस्थिर करना चाहते हैं और इसके लिए राजस्थान की भूमि का इस्तेमाल हो रहा है। आखिर कौन है, जो प्रदेश की सत्ता में रहकर इन्हें शह दे रहा है।
करौली से लेकर जोधपुर में विफल रहे गहलोत
उधर, राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि करौली से लेकर जोधपुर तक में राजस्थान की गहलोत सरकार कानून व्यवस्था को संभालने में विफल साबित हुए हैं। आप देख लीजिए, अभी तक करौली हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। झालवाड़, अलवर, करौली, जोधपुर, हर जगह गहलोत सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित कर पाने में नाकाम रही है।
आक्रोशित है पूरा देश
इसके साथ ही उन्होंने आज उदयुपर की घटना से पूरा देश आक्रोशित है। आरोपियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि फिर कभी कोई ऐसी करतूत को अंजाम देने से पहले गुरेज करे। बता दें कि अभी तक पुलिस की हरकत में आने के बाद हत्या को अंजाम देने वाले दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।