Ayodhya: अयोध्या में खुशी से झूम उठे रामभक्त, पूजा के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपी गईं शालिग्राम की शिलाएं

Ayodhya : नेपाल से शालिग्राम शिलाओं के साथ इनकी पूजा अर्चना के लिए प्रसाद भी आया है। भगवान राम की प्रतिमा भारत और नेपाल के लोगों को और करीब ला रही है। जनकुपर से शालिग्राम शिलाएं लेकर नेपाल से कई श्रद्धालु भी अयोध्या से पहुंचे हैं। जगह जगह हुए स्वागत से ये लोग अभिभूत दिखाई दे रहे हैं।

Avatar Written by: February 2, 2023 3:54 pm

अयोध्या। नेपाल की काली गंडक नदी से अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद जो मूर्ति लगाई जानी है। सीता-राम लक्ष्मण की मोदी के लिए खास तौर नेपाल सरकार की इजाजत के बाद नदी से भी इजाजत लेने के लिए आराधना की गई। वहीं अयोध्या में राम भक्तों के लिए आज का दिन बेहद खास है। दरअसल भगवान राम की प्रतिमा के लिए शालिग्राम की जो शिलाएं नेपाल से अयोध्या पहुंची हैं, उन्हें आज विधि विधान से पूजा के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया। इस मौके पर पूरी अयोध्या भक्ति भाव में डूबी नजर आई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिलाओं के दर्शन के लिए रामसेवक पुरम पहुंचे। किसी ने शिलाओं के सामने शीश झुकाया तो कोई भक्ति भाव में लीन होकर झूमता नजर आया। साधु संतों की मौजूदगी में शिलाओं का पूजन हुआ। अब कुछ दिन में इन शिलाओं से भगवान राम आकार लेने शुरू हो जाएंगे।

आपको बता दें कि राम शिलाओं के साथ नेपाल से कई श्रद्धालु भी अयोध्या पहुंचे हैं। ये लोग शगुन के गीत गाकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। इन श्रद्धालुओं का कहना है कि वह महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या में फिर त्रेतायुग वापस लौट आया है। गौरतलब है कि इन दोनों शिलाओं को जनकपुर से सड़क के रास्ते अयोध्या लाया गया है। शिलाओं से लदा ट्रक माता-सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी और गोपालगंज होते हुए गोरखपुर आया। राम भक्तों ने शालिग्राम शिला का जबरदस्त स्वागत किया। नेपाल से शालिग्राम शिलाओं के साथ इनकी पूजा अर्चना के लिए प्रसाद भी आया है। भगवान राम की प्रतिमा भारत और नेपाल के लोगों को और करीब ला रही है। जनकुपर से शालिग्राम शिलाएं लेकर नेपाल से कई श्रद्धालु भी अयोध्या से पहुंचे हैं। जगह जगह हुए स्वागत से ये लोग अभिभूत दिखाई दे रहे हैं।

ये है शिलाओं की खासियत

खास बात ये है कि ये शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से “मोक्ष का स्थान”) के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाई गई 6 करोड़ साल पुरानी विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गए थे और यही अयोध्या पहुंचे हैं। इसमें एक शिला का वजन 26 टन, दूसरी 14 टन की बताई जा रही है।

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