अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अब अपना आकार लेने लगा है बड़े-बड़े पत्थरों स्तंभों और नक्काशी दार सजावट के साथ मंदिर को ऐसा बनाया जा रहा है जिसे देखने से आपका मन नहीं भरेगा। कोरोना महामारी भी जिस अयोध्या के राम मंदिर को आकार लेने से नहीं रोक सकी उसी मंदिर निर्माण की गति को पांच अक्तूबर से शुरू हुई भारी बारिश ने रोक दिया था। निर्माणाधीन स्थल के पश्चिम में भारी बारिश से उत्पन्न कीचड़ में कार्यरत दो-दो मशीनें अटक गयी थीं और क्रेन टावर से पत्थरों को उठाकर उनके स्थान पर रखने में भी दिक्कत हो रही थी। लेकिन अब फिलहाल अवरोधों के समाप्त होने के बाद तेजी से निर्माण कार्य जारी है। इस निर्माण की प्रगति की समीक्षा और भविष्य योजना की रुपरेखा तय करने के लिए मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक आज (15 अक्तूबर ) को अयोध्या में आयोजित हुई।
इसी बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के टि्वटर हैंडल से कुछ तस्वीरों को साझा किया गया है जिसमें है राम मंदिर निर्माण कार्य में चल रही तेजी को साफ तौर पर देखा जा सकता है। इन तस्वीरों में हम असल में बनने वाले राम मंदिर की एक झलक भी देख सकते हैं।
इस बैठक के लिए मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेन्द्र मिश्र 14 अक्तूबर की सायं यहां पहुंचे थे। उधर कारसेवकपुरम में मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्लिंथ लेवल के बाद बंशीपहाड़पुर के लाल बलुआ नक्काशीदार पत्थरों के सात लेयर रखे जा चुके हैं जिसके कारण सतह मंदिर की ऊंचाई करीब 30 फिट हो गई है। उन्होंने बताया कि लोअर प्लिंथ की डेढ़ मीटर मोटी एक लेयर पूरे परिधि में तैयार हो गयी है जो कि दर्शनार्थियों के लिए परिक्रमा पथ के रुप में प्रयोग किया जा सकेगा। गौरतलब है की दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए मंदिर निर्माण समिति एक ऐसे गलियारे को बना रही है जो इतना बड़ा हो की भीड़ होने पर उसमें किसी को घुटन ना हो।
मंदिर परिसर में स्तम्भ लगाकर उस पर उकेरी जाएंगी 16-16 मूर्तियां
राम मंदिर निर्माण समिति के महासचिव के मुताबिक राम मंदिर के गर्भगृह में मकराना के श्वेत मार्बल के स्तम्भ लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में 392 स्तम्भ लगाए जाने हैं। इन सभी स्तम्भों को लगाए जाने के बाद इन पर 16-16 मूर्तियां उत्कीर्ण की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक खंभे की ऊंचाई 19 फिट 11 इंच है। यह भी जानकारी दी कि मंदिर में गर्भगृह के साथ गुण मंडप, रंग मंडप व नृत्य मंडप व सिंहद्वार के रुप में अलग-अलग भाग हैं, जिसकी पूरी लंबाई 380 फिट है। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य सभी भागों में एक साथ हो रहा है। इसका मुख्य कारण गर्भगृह से लेकर प्रवेशद्वार तक का लेवल एक रखना है। उन्होंने बताया कि पत्थरों के काम में सेटिंग के दौरान एक इंच का भी अंतर हुआ तो कठिनाई पैदा हो जाएगी।