newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ram Temple Consecration: भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को होगी 2 घंटे पूजा, जानिए 23 तारीख से हर श्रद्धालु को कितनी देर में होंगे दर्शन

Ram Temple Consecration: प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम मंदिर के सिंह द्वार पर 6000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। 18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद 21 जनवरी को चल मूर्ति (अभी जिसकी पूजा होती है) को गर्भगृह ले जाया जाएगा।

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 14 दिन रह गए हैं। ऐसे में राम मंदिर में युद्धस्तर पर काम हो रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति की रविवार को बैठक हुई। इसके बाद समिति के अध्यक्ष और पूर्व वरिष्ठ आईएएस नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर के परिसर में घूमकर काम का जायजा लिया। नृपेंद्र मिश्र ने मीडिया को बताया कि 22 जनवरी को गर्भगृह में करीब 2 घंटे तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा होगी। उन्होंने बताया कि भूतल के बाद पहले तल पर राम दरबार होगा। दूसरा तल खाली रहेगा। वहां विशेष पर्व पर आयोजन होंगे। मंदिर समिति अध्यक्ष ने बताया कि पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा का यजमान होने के नाते अपनी अर्हता और अनुशासन के बारे में जानकारी मंगाई है।

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम मंदिर के सिंह द्वार पर 6000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद 21 जनवरी को चल मूर्ति (अभी जिसकी पूजा होती है) को गर्भगृह ले जाया जाएगा। नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि 23 जनवरी से आम भक्त आकर रामलला के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 795 मीटर चलना होगा। हर भक्त को दर्शन करने में 45 मिनट से ज्यादा नहीं लगेंगे। मंदिर समिति अध्यक्ष ने बताया कि परकोटा समेत 8.5 एकड़ में मंदिर निर्माण किया जा रहा है। पूरा राम मंदिर 31 दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की जानकारी नृपेंद्र मिश्र ने दी।

सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार अयोध्या जाकर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का जायजा लेते रहते हैं।

राम मंदिर जिस स्थान पर बन रहा है, वहां पहले बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा था। कहा जाता है कि बाबरी मस्जिद को मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528 में राम मंदिर को ध्वस्त कर बनाया था। इस मामले में हिंदू पक्ष 491 साल तक लगातार सैनिक और अदालती जंग लड़ता रहा। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को भीड़ ने गिरा दिया था। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह राम मंदिर के पक्ष में बताई थी। जिसके बाद से ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर का निर्माण शुरू कराया गया।