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Ram Temple Of Ayodhya: ‘न संन्यासियों…न शैव और न ही शाक्त का’, जानिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर को किसका बताया

Ram Temple Of Ayodhya: रामनगरी में भगवान रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो रहा है। इस राम मंदिर में 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। मंदिर का भूतल पूरी तरह तैयार है। राम मंदिर का पूरा काम 31 दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा।

अयोध्या। रामनगरी में भगवान रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो रहा है। इस राम मंदिर में 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। मंदिर का भूतल पूरी तरह तैयार है। राम मंदिर का पूरा काम 31 दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। यहां महज 45 मिनट में किसी भी श्रद्धालु को रामलला के दर्शन हो जाएंगे। 8 एकड़ जमीन पर परकोटे समेत राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। राम मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी होंगे। अब सवाल ये उठता है कि राम मंदिर आखिर किसका है? इस सवाल का जवाब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने हिंदी अखबार अमर उजाला से बातचीत में दिया है।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अखबार से खास बातचीत में बताया है कि अयोध्या का राम मंदिर किसका है। चंपत राय ने राम मंदिर को रामानंद संप्रदाय का बताया है। एक सवाल के जवाब में चंपत राय ने कहा कि मंदिर रामानंद संप्रदाय का है। ये न तो संन्यासियों का है और न ही शैव और शाक्त मत को मानने वालों का है। बता दें कि कोर्ट में भी रामानंद संप्रदाय की तरफ से कहा गया था कि राम मंदिर उनका है। शैव वो होते हैं, जो शिव की मुख्य देवता के तौर पर पूजा करते हैं। वहीं, शक्ति की पूजा करने वालों को शाक्त कहते थे। रामानंद संप्रदाय को स्वामी रामानंद ने शुरू किया था। वो राम भक्ति में लीन रहते थे।

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बहरहाल, राम मंदिर भले ही रामानंद संप्रदाय का हो, लेकिन यहां सभी मत को मानने वाले श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन करने का मौका मिलने वाला है। इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को सबसे पहले जिन 7 लोगों को भगवान राम के विग्रह के दर्शन करने को मिलेगा, उनमें समाज के सभी वर्गों से लोग होंगे। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी समाज के भी श्रद्धालु होंगे। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले की पूजा 16 जनवरी से शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 2 घंटे का होगा। जिसके बाद पीएम मोदी उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।