नई दिल्ली। वो बच्चे हैं। उन्हें किसी का राजनीतिक टूल नहीं बनना चाहिए। उन्होंने देश का नाम रौशन किया है। वो प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। खिलाड़ी को खेल की मानसिकता से काम करना चाहिए ना की किसी का टूल बनना चाहिए। पिछली दफा भी हरियाणा के कई नेताओं ने इन बच्चों को आगे कर अपने लिए राजनीतिक भविष्य तलाशा था और इन खिलाड़ियों को सपोर्ट करने की बात कही थी। अगर रेसलिंग फेडरेशन का अध्यक्ष कोई भी बन गया, तो उनका काम है, वो प्रैक्टिस करें। अपने आपको सुरक्षित बनाएं। देश को आगे बढ़ाए। अपने आपको आगे बढ़ाए। वहीं, अपने आपको किसी का राजनीतिक टूल नहीं बनना चाहिए।
#WATCH | On wrestlers Sakshee Malikkh and Bajrang Punia, BJP MP Ramesh Bidhuri says, ” They have made the country proud, they’re talented athletes. Athletes should have the mentality of athletes, they should not become the tools of someone…last time, politicians of Haryana… pic.twitter.com/OdG1VzJXcZ
— ANI (@ANI) December 23, 2023
अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ये बयान किसने और क्यों दिया?, तो आपको बता दें कि ये बयान किसी और ने नहीं, बल्कि बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने दिया है। ये वही बिधूड़ी हैं, जिन्होंने बीते दिनों भरी संसद में अमरोहा से सांसद दानिश को उनके धर्म को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद बिधूड़ी को अपने बेहुदे बयान की वजह से माफी तक मांगनी पड़ गई थी। वहीं, अब यही साहब पहलवानों को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। खैर, आइए जरा एक दफा पूरा माजरा तफसील से जान लेते हैं।
जानिए पूरा माजरा
दरअसल, इस साल फरवरी माह में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। यही नहीं, पहलवान इस संदर्भ में पुलिस में शिकायत दर्ज करने से भी गए थे, लेकिन पुलिसकर्मियों की हठधर्मिता देखिए कि उन्होंने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई, जिसके बाद बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।
देना पड़ा था इस्तीफा
वहीं, यौन शोषण के आरोपों में घिरने के बाद बृजभूषण को भारतीय कुश्ती महासंघ के पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद बीते दिनों संघ के चुनाव हुए, जिसमें संजय सिंह को जीत मिली। संजय सिंह बृजभूषण के करीबी बताए जाते हैं, जिस पर पहलवानों ने आपत्ति जताई। इतना ही नहीं, साक्षी मलिक ने जहां कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ बजरंग पुनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया जिसे लेकर अब सियासी घमासान मचा हुआ है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।