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पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा के लिए मनोनीत

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।

नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। आपको बता दें कि रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे। रिटायर होने से पहले उन्होंने 161 साल से लंबित राम मंदिर मामले पर फैसला सुनाया था।

Ranjan Gogoi

गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा

चीफ जस्टिस के रूप में गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा। इस दौरान उन्होंनें कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। इन फैसलों में राम मंदिर, चीफ जस्टिस का ऑफिस पब्लिक अथॉरिटी,  सबरीमाला मामला, सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी और अंग्रेजी और हिंदी समेत 7 भाषाओं में फैसला महत्वपूर्ण है।

Ranjan Gogoi letter Rajysabha

कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनाया था फैसला

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के कार्यकाल की बात करें तो उन्होंने राम मंदिर के अलावा कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुनाया था। उन्होंने असम में कई वर्षो से लंबित एनआरसी को लागू करवाया। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी।

Justice Ranjan Gogoi

तत्कालीन CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ की थी संयुक्त प्रेस वार्ता

जस्टिस गोगोई ही थे जिन्होंने 10 जनवरी 2018 को तीन अन्य वरिष्ठ जजों के साथ मिलकर तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। जजों ने आरोप लगाया था कि जस्टिस मिश्रा न्यायपालिका की स्वयात्तता से खिलवाड़ कर रहे हैं।