नई दिल्ली। सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के बाद गोगोई ने पहली बार बयान देते हुए कहा है कि, “पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा।”
पूर्व CJI ने कहा है कि, “मैं कल दिल्ली जाऊंगा, पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।”
Former Chief Justice of India, Ranjan Gogoi: I’ll go to Delhi probably tomorrow. Let me first take the oath then I will speak in detail to the media that why I accepted this and why I am going to Rajya Sabha. (file pic)
He has been nominated to Rajya Sabha by President Kovind. pic.twitter.com/aqRxtDtykl
— ANI (@ANI) March 17, 2020
कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल
आपको बता दें कि कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने जस्टिस गोगोई के मनोनीत होने पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि उन्हें इसे स्वीकार करने से मना कर देना चाहिए क्योंकि इससे न्यायापालिका की निष्पक्षता पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं कुछ नेताओं ने उन्हें उनके पुराने बयान याद दिलाते हुए इस मनोनयन को अस्वीकार करने की सलाह दी थी।
रंजन गोगोई का संक्षिप्त परिचय
जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ। वह असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के पुत्र हैं। रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ। उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। 28 फरवरी 2001 को वह गुवाहाटी हाई कोर्ट में स्थायी जज नियुक्त हुए। वह 12 फरवरी 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 17 नवंबर 2019 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए। भारत के पूर्वोत्तर राज्य से इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाले वह पहले जस्टिस थे।
जनवरी 2018 में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्य प्रणाली से नाराज गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के जज एकसाथ न्यायालय के आंतरिक मामलों को लेकर मीडिया के सामने सार्वजनिक रूप से आए थे।