
नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली में बद्रीनाथ धाम के पास माणा में एवलांच के बाद बर्फ में दबे मजदूरों को बचाने का प्रयास जारी है। अब तक 50 मजदूरों को बर्फ से निकाला गया है जिसमें से 4 की मौत हो गई है। जबकि 5 अन्य मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं और उनकी तलाश की जा रही है। घटनास्थल पर मौसम बहुत खराब है जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। हिमस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 घंटे के भीतर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचकर रेस्क्यू किए गए मजदूरों से मिले।
#WATCH | Chamoli (Uttarakhand) avalanche | CM Pushkar Singh Dhami meets an injured worker who has been airlifted to Joshimath.
Out of those BRO (Border Roads Organisation) workers who have been rescued, 3 are being treated at the Army Hospital of Joshimath; so far, 47 of the… pic.twitter.com/nH4zp8l1pC
— ANI (@ANI) March 1, 2025
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन को चुनौतिपूर्ण बताते हुए कहा कि आसपास के क्षेत्रों में बिजली का संपर्क कट गया है लेकिन वहां जल्द से जल्द इसे बहाल करने के काम किए जा रहे हैं। 200 से अधिक लोग बचाव अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं। इसमें सेना, आईटीबीपी के जवान, एनडीआरएफ, बीआरओ और आपदा प्रबंधन के लोग शामिल हैं, सभी लोग मजदूरों को बचाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह बचाव अभियान का जायज़ा लिया। उन्होंने सभी ज़रूरी मदद का भरोसा दिया है। राज्य भर में ऊंचाई वाले इलाकों पर काम करने वाले सभी लोगों को अलर्ट पर रखा गया है।
एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर सुदेश कुमार का कहना है कि हमारी एक टीम पहले ही घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा, हम अपने खोजी कुत्ते की भी मदद ले रहे हैं। हम सेना और आईटीबीपी कर्मियों के साथ भी समन्वय कर रहे हैं। बहुत सारी चुनौतियां हैं, खराब मौसम के चलते हेली-ऑपरेशन भी निलंबित कर दिया गया है। वहीं आईटीबीपी कमांडेंट विजय कुमार ने कहा, मुझे उम्मीद है कि उन्हें आज शाम तक सभी मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि वे सुरक्षित और स्वस्थ होंगे।