नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बिहार में सहयोगी दलों ने बड़ा झटका दिया है। आम चुनाव को लेकर महागठबंधन में अब तक आधिकारिक रूप से सीट समझौते की घोषणा नहीं हुई है बावजूद इसके आरजेडी ने औरंगाबाद से और लेफ्ट पार्टी ने बेगूसराय से अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। जबकि ये दोनों ही सीट कांग्रेस अपने पाले में चाहती थी।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने औरंगाबाद से अभय कुशवाहा को पार्टी का उम्मीदवार बनाकर सिंबल दे दिया है। वहीं बेगूसराय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अवधेश राय को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी औरंगाबाद से पूर्व सांसद निखिल कुमार को उम्मीदवार बनाना चाह रही थी लेकिन उससे पहले ही लालू ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। वहीं दूसरी तरफ बेगूसराय सीट पर कांग्रेस अपने पार्टी के फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाना चाह रही थी। औरंगाबाद सीट हाथ से निकलने के बाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद निखिल कुमार ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस को तुरंत इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और लालू प्रसाद को एक तरफा फैसला करने से रोकना चाहिए।
गौरतलब है कि हाल ही में आरजेडी ने कांग्रेस को तेवर दिखाते हुए 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही गई थी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के महागठबंधन से बाहर होकर एनडीए में शामिल होने के बाद सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी की ओर से शर्त रख दी गई है। शर्त के मुताबिक राजद अब 30 सीट चाहती है, कांग्रेस के लिए 7 सीटों का ऑफर है। जबकि कांग्रेस कम से कम 11 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। ऐसे में बिना कांग्रेस को साथ लिए लालू यादव की आरजेडी और लेफ्ट पार्टी के द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना बिहार में इंडिया गठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।