माजुली (असम)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे हर भाषा में देश का नाम भारत कहें। मोहन भागवत ने शुक्रवार को असम के माजुली में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत का विकास करने का अर्थ ये नहीं है कि इसे हम अमेरिका या चीन बनाएंगे। भारत को भारत ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं। मोहन भागवत ने कहा कि हम अब आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने शिक्षा नीति के बारे में कहा कि अब छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जा रहा है। आरएसएस प्रमुख ने ये भी कहा कि आदिवासियों की भाषाओं को भी अब शिक्षा में जगह मिल रही है।
#WATCH | Assam: While addressing a gathering in Majuli, RSS Chief Mohan Bhagwat says, “India’s progress is not in making it like the US or China. India should be India. And we have taken steps in that direction. We are moving ahead. Now, our education has the medium of our mother… pic.twitter.com/IqHlbkFjSQ
— ANI (@ANI) December 29, 2023
मोहन भागवत आजकल भारत के विकास और इसमें सभी वर्गों की हिस्सेदारी की बात करते हैं। इसके अलावा उन्होंने नागपुर में बीते दिनों कहा था कि देश के पास ज्ञान का विशाल आधार है। इसके अलावा भारत के पास अनुसंधान की क्षमता है। मोहन भागवत ने तब कहा था कि सही दिशा में बढ़ रहे हैं और जल्दी ही देश में सबकुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने ये भी कहा था कि विदेशी आक्रमण से पहले भारत में विज्ञान और अन्य विधाएं काफी प्रगति पर थीं। फिर गुलामी और अन्य वजहों से देश थोड़ा पीछे चला गया। मोहन भागवत ने पहले आरएसएस के कार्यकर्ताओं को ये निर्देश भी दिया था कि वे संघ के विरोधियों से भी मुलाकात करें और उनको बताएं कि आरएसएस किस तरह देश के विकास में अपना योगदान दे रहा है।
मोहन भागवत ने संघ प्रमुख का काम संभालने के बाद देश में हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए भी काफी काम किया है। भागवत ने अपने इस अभियान के तहत तमाम मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात भी की। उन्होंने दिल्ली के एक मदरसा का दौरा किया था और वहां के छात्रों से उनकी शिक्षा वगैरा के बारे में बात की थी। मोहन भागवत की इस पहल का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया था। मोहन भागवत पहले ही साफ कर चुके हैं कि आरएसएस कभी भी मुस्लिमों के खिलाफ नहीं रहा है। वो कट्टरपंथ और आतंकवाद की मानसिकता का विरोध करता रहा है और आगे भी इस विचार पर चलेगा।