
नई दिल्ली। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में पहले तो महज राजनीति ही गरमाई थी, लेकिन अब स्थिति हिंसात्मक होती हुई भी नजर आ रही है, जिसे देखते हुए पुलिस अब अपनी सक्रियता बढ़ा चुकी है, क्योंकि पुलिस नहीं चाहती है कि जुबानी जंग की आड़ में किसी भी प्रकार की हिंसा की वारदात को अंजाम दिया जा सकें। जी हां…आपको बता दें कि अब जामिया ने भी जेएनयू की राह पर चलने का ऐलान कर दिया है। जामिया ने भी बीसीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने का ऐलान कर दिया है। शाम 6 बजे इसका समय मुकर्रर किया गया है, लेकिन स्क्रीनिंग से पहले ही यूनिवर्सिटी में बवाल मच चुका है। विश्वविद्यालय परिसर से हंगामे की खबर सामने आ रही है। यही नहीं, दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने हंगामा करने वाले गिरोह में शामिल 4 छात्र को हिरासत में ले लिया है, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बलों को विश्वविद्यालय परिसर में तैनात कर दिया गया है। साथ ही उन सभी शरारती तत्वों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनके द्वारा विरोध की आड़ में हिंसा करने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि इससे पहले जेएनयू में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव की खबर सामने आई थी, जिसके बाद वामपंथी छात्रों ने विरोध में पैदल मार्च किया था। वहीं, मौजूदा समय में जामिया में जिस तरह की स्थिति है, उसे देखते हुए बताया जा रहा है कि स्क्रीनिंग के तय समय में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा। बीते बुधवार को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद भी जेएनयू कैंपस में छात्रों ने बीबीसी की डाक्यूमेंट्री देखी थी।
Four students have been detained for allegedly creating a ruckus outside Jamia Milia Islamia University over the screening of the BBC documentary today: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 25, 2023
हालांकि, इस बीच बिजली भी गुल हो गई थी, लेकिन छात्रों ने लेपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है कि आखिर इस डॉक्यूमेंट्री में ऐसा क्या है कि सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि बीबीसी द्वारा बनाई गई ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद जारी है। सरकार द्वारा प्रतिबंध किए जाने के बावजूद भी वामपंथी संगठनों द्वारा इसकी पैरवी की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर आधारित है, जिसमें पीएम मोदी की गलत छवि पेश की गई है। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की नगाहें टिकी रहेंगी।