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Rajasthan: राहुल गांधी संग भारत जोड़ो यात्रा में दिखे सचिन पालयट, गहलोत की बढ़ी टेंशन, अटकलों का दौर हुआ शुरू

Rajasthan: दरअसल, सीएम गहलोत और सचिन पायलट के रिश्तों में खटास चल रही है। दोनों के बीच मनमुटाव है। इस मनमुनटाव के बीज गत राजस्थान विधानसभा चुनाव के दिनों में सचिन पायलट के मन में रोपित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने बगावती रूख भी अख्तियार किया था।

नई दिल्ली। कहीं राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं, तो कहीं प्रियंका गांधी जिंदाबाद, तो कहीं सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं, लेकिन पता नहीं क्यों इन नारों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम गुम हो चुका है, जिसे लेकर उनकी टेंशन बढ़ गई है। टेंशन का आलम कुछ ऐसा है कि गहलोत के रातों की नींद उड़ चुकी है। उन्हें खाना पीना कुछ अच्छा नहीं लग रहा है, क्योंकि उन्हें अब अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है। आखिर क्यों सता रहा है उन्हें अपनी कुर्सी जाने का डर? बताएंगे आपको तफसील से सबकुछ, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आज राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के काफिले को महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश लेकर गए। जहां उन्होंने लंबी पदयात्रा की। इस पदयात्रा में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबट वाड्रा रेहान वाड्रा सहित सचिन पायलट भी नजर आए। खैर, यह सब कुछ तो दुरूस्त रहा, लेकिन पदयात्रा में सचिन पायलट की मौजूदगी ने सियासी हलचल के साथ-साथ गहलोत की टेंशन भी बढ़ा दी। वो कैसे तो आइए जानते हैं।

दरअसल, सीएम गहलोत और सचिन पायलट के रिश्तों में खटास चल रही है। दोनों के बीच मनमुटाव है। इस मनमुनटाव के बीज गत राजस्थान विधानसभा चुनाव के दिनों में सचिन पायलट के मन में रोपित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने बगावती रूख भी अख्तियार किया था। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया वाला दांव चलने की कोशिश की। लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिली और इसके एवज में उन्हें डिप्टी सीएम की कुर्सी ब्याज पर गंवानी पड़ गई, लेकिन मामला यहीं शांत नहीं हुआ। इसके बाद भी समय-समय पर राजस्थान में पायलट की अगुवाई में सियासी विद्रोह की आह निकलती रही। एक मर्तबा तो परिस्थितियां इतनी संजीदा हो गई कि खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक को हस्तक्षेप करना पड़ गया, लेकिन इस हस्तक्षेप में एक बात निकलकर सामने आई कि गांधी परिवार अब राजस्थान की कमान गहलोत से छीन कर पायलट के हाथों में सौंपना चाहता है।

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खबरों के मुताबिक, गहलोत की अगुवाई में राज्य सरकार कई मसलों को लेकर सवालिया कठघरे में रही है, जिसने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस को कमजोर किया है। जिसे ध्यान में रखते हुए अब गांधी परिवार पायलट के हाथों राजस्थान की कमान सौंपना चाहता है। अब ऐसी स्थिति में जब मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सचिन पायलट की मौजूदगी देखने को मिली है, तो गहलोत का चिंतित होना लाजिमी है। वो भी ऐसे में जब अगले साल मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में कहीं पायलट की लॉटरी ना लग जाए। इस बात की चिंता गहलोत को अंदर से खाई जा रही है। बता दें कि मध्यप्रदेश के बाद भारत जोड़ो यात्रा का अगला पड़ाव राजस्थान है, जिसे लेकर तैयारियों का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में राजस्थान की सियासत में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।