नई दिल्ली। राहुल गांधी के करीबी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत कर के बारे में दिए बयान पर कायम रहने की बात कही है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के सवाल पर सैम पित्रोदा ने कहा कि मैंने जो कहा उस पर कायम हूं। सैम पित्रोदा ने कहा कि वो जानते हैं कि भारत में ट्रोल करने वाले और झूठ बोलने वाले लोग हैं। लोगों को हमला करने के लिए पैसे दिए जाते हैं और वो इसे पैकेज के तौर पर लेते हैं।
सैम पित्रोदा ने विरासत कर पर कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा कि भारत में विरासत कर लागू करना चाहिए। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में ऐसा ही होता है, जो ठीक है। राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा कि अगर वो ये कहते भी कि भारत में विरासत कर लागू हो, तो भी संसद में बहस, चर्चा और वोटिंग होगी। ये बातें सिर्फ उनके कहने से नहीं लागू होती। ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप चुनाव के दौरान अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे से ध्यान हटाना चाहते हैं, तो सैम पित्रोदा के पीछे चले जाते हैं। उन्होंने इसे सोशल मिडिया पर ऐसे काम करने के लिए लगाए गए समूह की ओर से संगठित हमला बताया।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान सैम पित्रोदा की तरफ से विरासत कर के बारे में बयान दिया गया था। जिसे पीएम नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में इस्तेमाल किया था। मोदी ने यहां तक कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी, तो माताओं और बहनों के मंगलसूत्र तक ले लेगी। सैम पित्रोदा के विरासत कर पर दिए बयान के बाद उनको कांग्रेस ने अध्यक्ष पद से हटा दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद उनको वापस ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। सैम पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है, तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 फ़ीसदी सरकार ले लेगी। उन्होंने कहा था कि भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब रुपए है और वो इस दुनिया में न रहे तो उसके बच्चे ही 10 अरब रुपए रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। सैम पित्रोदा ने कहा था कि इस मुद्दे पर बहस और चर्चा होनी चाहिए।