
संभल। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यूपी की संभल सीट से पार्टी के बुजुर्ग सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। समाजवादी पार्टी ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उनको प्रत्याशी भी बनाया था। शरीकुर्रहमान बर्क 94 साल के थे। वो काफी दिन से बीमार होकर मुरादाबाद के अस्पताल में भर्ती थे। शफीकुर्रहमान बर्क को संसद के शीतकालीन अधिवेशन में देखा गया था। बीते दिनों बजट सत्र के दौरान उनकी बीमारी की खबर आई थी। पिछले दिनों अखिलेश यादव भी शफीकुर्रहमान बर्क को देखने के लिए अस्पताल गए थे।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दु:खद।
उनकी आत्मा को शांति दे भगवान।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो।
भावभीनी श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/AJwV2Y795s
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 27, 2024
शफीकुर्रहमान बर्क समाजवादी पार्टी से 4 बार विधायक और 5 बार सांसद रहे। वो कितने कद्दावर नेता थे, ये इसी से पता चलता है कि 2014 और 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी की लहर के बाद भी वो संभल सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे। शफीकुर्रहमान बर्क 1996, 1998 और 2004 में सपा के टिकट पर मुरादाबाद से सांसद रहे। बाद में वो संभल सीट पर सांसद चुने जाते रहे। मुलायम सिंह सरकार में शफीकुर्रहमान बर्क कैबिनेट मंत्री भी रहे। शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को हुआ था। उन्होंने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह से जुड़कर सियासत में कदम रखा था। सपा के वो संस्थापक सदस्य भी थे और मुलायम सिंह यादव के अलावा अखिलेश यादव से उनकी करीबी बनी रही।
शफीकुर्रहमान बर्क बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी थे। हमेशा मुस्लिमों के हितों को लेकर मुखर रहने वाले शफीकुर्रहमान बर्क ने कई बार अपने बयानों से विवाद भी पैदा किया। उनके निधन से पार्टी का बड़ा मुस्लिम चेहरा अब खामोश हो गया है। साथ ही अखिलेश यादव के सामने संभल सीट से शफीकुर्रहमान बर्क जैसा कद्दावर नेता भी लोकसभा चुनाव में उतारने का संकट पैदा हो सकता है। बर्क के बेटे यूपी विधानसभा में विधायक हैं।