संभल। ‘इन पुलिसवालों से सारे हथियार छीन लो…जलाकर मार दो…कोई बचकर जाने न पाए…हम मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे…इसके बाद ही भीड़ ने ताबड़तोड़ ईंट-पत्थर चलाने शुरू कर दिए…’। यूपी के संभल में हुई हिंसा के मामले में दर्ज एफआईआर में ये आरोप लगाया गया है। पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर में ये भी कहा गया है कि एक दारोगा से पिस्टल छीनने की कोशिश की गई। उसमें भीड़ नाकाम रही। जिसके बाद दारोगा की पिस्टल की मैगजीन छीनकर ले गए। उस मैगजीन में 9 एमएम के 10 कारतूस थे। संभल में हिंसा करने वालों पर पुलिस से आंसूगैस के गोले भी छीनकर ले जाने का आरोप है।
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में अफसरों समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। संभल में हिंसा के आरोप में 20 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 800-900 लोगों की भीड़ पर हिंसा करने का आरोप लगा है। एफआईआर में कहा गया है कि सुबह जामा मस्जिद का सर्वे शुरू होने के बाद भीड़ करीब पौने 9 बजे इकट्ठा हुई। लोग पहले नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने इन सभी को समझाने की कोशिश की, लेकिन हिंसा के लिए उकसाया गया और फिर पुलिसवालों पर पथराव के साथ गाड़ियों में आगजनी की जाने लगी। सर्वे करने वाली टीम संभल के जामा मस्जिद में फंसी थी। टीम के सदस्यों को सुरक्षित निकालने के लिए अलग से फोर्स बुलानी पड़ी।
संभल के स्थानीय कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का पहले 19 नवंबर को सर्वे हुआ था। फिर दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा हुई। पुलिस की एफआईआर में जो लिखा गया है उसे देखें, तो पहले से ही हिंसा की साजिश किए जाने का शक होता है। पुलिस के मुताबिक भीड़ ने हिंसा करने से पहले सभी सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा। फिर जान से मारने की नीयत से हमला किया गया। संभल के एसपी और डीएम ने कहा है कि हिंसा करने वाले किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इससे पहले सोमवार को एसपी ने कहा था कि भीड़ ने अवैध हथियारों से फायरिंग की। प्रशासन और पुलिस ने ये भी कहा है कि संभल में हुई हिंसा में जिन 4 लोगों की जान गई, उनको पुलिस की गोली नहीं लगी थी। पुलिस ने सिर्फ हवाई फायरिंग की थी और पैलेट गन व आंसूगैस के गोले चलाए थे।