नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से चल रहे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन को दो महीने से अधिक हो गए हैं। इस प्रदर्शन से शाहीन बाग की सड़क जाम होने से वहां के स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार तय किए।
बातचीत के दौरान भड़कीं वार्ताकार साधना रामचंद्रन
तय किए गए वार्ताकारों में शामिल साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े बुधवार को प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे और उनसे बात की। हालांकि बुधवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। गुरुवार को जब फिर वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचे तो लोगों से बातचीत के दौरान वो भड़क गए। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि, अगर ऐसा रहा तो कल हम नहीं आएंगे।
नाराज हुईं वार्ताकार साधना रामचंद्रन
मिली जानकारी के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को गलत कह दिया, जिस पर साधना रामचंद्रन बिफर गईं। उन्होंने कहा कि कल हम अलग-अलग जगह पर 10-15 महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बात करना चाहेंगे। यहां बात करने लायक माहौल नहीं है। इस जगह पर सही बर्ताव नहीं हो रहा है।
फिलहाल आपको बता दें कि दूसरे दिन की भी बातचीत बेनतीजा रही और बिना निष्कर्ष के वार्ताकार वापस चले गए। प्रदर्शनकारी अपनी बात पर अड़े रहे और रोड से हटने से मना किया।
‘प्रदर्शन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए’
हालांकि इससे पहले वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को समझा रहे थे कि आंदोलन तो हक है लेकिन ट्रैफिक रुकने से आम लोगों को दिक्कतों को भी समझना होगा। बातचीत में वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि प्रदर्शन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि शाहीन बाग का प्रदर्शन देश के लिए मिसाल हो। जब तक सुप्रीम कोर्ट है आपकी बात सुनी जाएगी। आप पिछले 2 महीनों से बैठे हुए हैं, हम भारत में एक साथ रहते हैं ताकि दूसरों को असुविधा न हो। वार्ताकार जब मंच से संबोधित कर रहे थे, उस वक्त मीडिया को दूर रखा गया था।