नई दिल्ली। संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल अगले तीन वर्षों के लिए होगा। वह मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। गौरतलब है कि संजय मल्होत्रा को 2022 में केंद्र सरकार द्वारा आरबीआई के डायरेक्टर के रूप में नामांकित किया गया था।
कौन हैं संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स पूरा किया है। पिछले 30 वर्षों से वह पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। नवंबर 2020 में मल्होत्रा आरईसी (Rural Electrification Corporation) के चेयरमैन और एमडी बने थे। इसके पहले वह ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर काम कर चुके हैं।
सरकार की पसंद क्यों बने मल्होत्रा?
रिजर्व बैंक का कामकाज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के माध्यम से संचालित होता है, और संजय मल्होत्रा को इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। यही कारण है कि सरकार ने उन्हें गवर्नर के पद के लिए चुना है। आरबीआई एक्ट के तहत गठित बोर्ड में सरकार डायरेक्टर की नियुक्ति करती है। बोर्ड दो हिस्सों में विभाजित होता है—ऑफिशियल डायरेक्टर्स और नॉन-ऑफिशियल डायरेक्टर्स। संजय मल्होत्रा का अनुभव और कार्यक्षमता इस महत्वपूर्ण पद के लिए उपयुक्त मानी गई।
#Breaking | संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर नियुक्त।
श्री मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।#RBI | #RBIGovernor | #SanjayMalhotra | @RBI pic.twitter.com/FN6teLaBSQ
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) December 9, 2024
शक्तिकांत दास के कार्यकाल पर एक नजर
शक्तिकांत दास ने आरबीआई गवर्नर का पद उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद संभाला था। अपने छह वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने कोविड महामारी और उसके बाद देश में महंगाई की समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके कार्यकाल के विस्तार को लेकर कोई चर्चा नहीं होना भी चर्चा का विषय बना। संजय मल्होत्रा का चयन आरबीआई के गवर्नर पद के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभालेंगे जब देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में भारतीय रिजर्व बैंक किस दिशा में आगे बढ़ता है।