
नई दिल्ली। कोरोना संकट में लागू हुए लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था ठप पड़ी हुई है, ऐसे में इसे रफ्तार देने के लिए पीएम मोदी ने हाल ही में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। इस राहत पैकेज की विस्तृत जानकारी वित्त मंत्री ने किस्तों में दी। हर रोज, इस राहत पैकेज की जानकारी डिटेल में दी गई। आखिरी किस्त की जानकारी 17 मई को सुबह 11 बजे दी गई जिसमें मनरेगा, स्वास्थ्य, कोविड में बिजनस, कंपनी ऐक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से जुड़े ऐलान किए गए।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा
इसके अलावा वित्त मंत्री ने अपनी घोषणा में सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब के स्थापना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, ‘अब देश में हर ब्लॉक में सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में वेलनेस सेंटरों को बढ़ावा दिया जाए। सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोगों से लड़ने की व्यवस्था की जाएगी। लैब नेटवर्क मजबूत किए जाएंगे। सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे।
टेस्टिंग किट्स और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए
जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि, टेस्टिंग किट्स और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए दिए गए। बता दें कि आत्म निर्भर भारत अभियान की पांचवीं और आखिरी किश्त के दौरान उन्होंने इस बारे में घोषणा की।
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— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) May 17, 2020
गरीबों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई
इससे पहले शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले चार दिनों में आत्मनिर्भर भारत के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर आज का फोकस किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस दौर में शुरुआत हमने गरीब कल्याण योजना के साथ की थी। गरीबों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए।
सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्रों को खोला जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्रों को खोला जाएगा। साथ ही सार्वजनिक उप्रकम भी बने रहेंगे। भारत और दुनिया में कुछ दशकों में बड़े बदलाव आए हैं। सार्वजनिक उपक्रमों को लेकर भी नई नीति की जरूरत है। जनहित, राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्ट्रैटिजिक सेक्टर की एक लिस्ट बनाई जाएगी। इससे बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी उनके निजीकरण का मौका दिया जाएगा, विलय किया जाएगा। पीएसई के निजीकरण का सही समय पर देखकर फैसला किया जाएगा। रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी उपक्रम बना रहेगा।