
नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल और मान सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर क्यों बार-बार कहने के बावजूद भी पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर रोक नहीं लगाई जा रही है। नियमों को ताक पर रखते हुए किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी की कि अगर दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर रोक लगाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो हमारी तरफ से बुलडोजर चलेगा और यह ऐसा बुलडोजर होगा, जो कि फिर रूकने का नाम ही नहीं लेगा। वहीं, कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण की वजह से स्मॉग टॉवरों को बंद किए जाने पर भी नाराजगी जताई।
इसके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियमंत्र बोर्ड के अधिकारी अश्विनी कुमार को भी तलब किया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो आगामी दिनों में सभी पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। वहीं, आज सुनवाई के दौरान पीठ की अध्यक्षता कर रहे संजय किशन कौल ने कहा कि, ‘साल दर साल दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन सरकार सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण रोकने की दिशा में उठाए गए सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बहरहाल, अब कोर्ट से फटकार खाने के बाद केजरीवाल सरकार की ओर से प्रदूषण रोकने की दिशा में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते सोमवार को प्रेसवार्ता में राजधानी में प्रदूषण रोकने के मकसद से ऑड-ईवन लागू करने का ऐलान किया था। गोपाल राय ने प्रेसवार्ता में कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाने में सर्वाधिक योगदान यहां की सड़कों पर चलने वाले वाहनों का है, जिसे ध्यान में रखते हुए ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया गया है, लेकिन आपको बता दें कि दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस व्यवस्था को विकसित कर अपनी विफलता को छुपाकर आम लोगों को परेशान करने की कोशिश कर रही है।