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Baltej Singh: इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे खालिस्तानी बलतेज सिंह पर शिकंजा, न्यूजीलैंड पुलिस ने ड्रग्स बरामद कर किया गिरफ्तार

बलतेज को न्यूजीलैंड में भारत विरोधी खालिस्तान प्रचार और विरोध प्रदर्शनों के लिए प्राथमिक मास्टरमाइंड और धन उगाहने वाले के रूप में जाना जाता है। उसके खिलाफ वहां कई मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। उधर, बलजेत के अलावा गाविंदर पर ड्रग पेडलिंग का मुकदमा चल रहा है। इससे पहले भी न्यूजीलैंड में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चर्चा में आ चुका है।

नई दिल्ली। इस वक्त की बड़ी खबर न्यूजीलैंड से सामने आ रही है। खबर है कि न्यूजीलैंड पुलिस ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे खालिस्तानी बलतेज सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बलतेज को न्यूजीलैंड में भारत विरोधी खालिस्तान प्रचार और विरोध प्रदर्शनों के लिए प्राथमिक मास्टरमाइंड और धन उगाहने वाले के रूप में जाना जाता है। उसके खिलाफ वहां कई मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। बता दें कि बलतेज सिंह ड्रग्स पैडलर के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका था। अब इसी मामले में पुलिस ने उसके खिलाफ शिकंजा कसते हुए उसे सलाखों के पीछे भेजा है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें कि सतवंत सिंह ने साथी बेअंत सिंह के साथ मिलकर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद की गई थी, जिसके बाद में देश सांप्रदायिक दंंगे भी भड़क गए थे और कांग्रेस समर्थकों ने सिखों का कत्लेआम किया था। आज भी इस मामले में आरोपी कई लोगों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का नाम प्रमुखता से सामने आता रहता है।

उधर, सतवंत सिंह का रिश्तेदार होने की वजह से बलतेज सिंह को कई मौकों पर स्थानीय गुरुद्वारे में सम्मानित किया जाता है। सतवंत सिंह 1984 के बाद अपने परिवार के साथ न्यूजीलैंड चला गया था। जहां उसने अपनी आजीविका चलाने के लिए एक छोटी सी दुकान संचालित करना शुरू कर दिया, जहां बाद में उसकी आय में इजाफा दर्ज किया गया। वहीं, बलतेज सिंह के पिता रियल फर्म स्टेट के मालिक बन गए। जिसके बाद उन्होंने 100 करोड़ से भी अधिक का घर भी खरीद लिया। इसके बाद बलतेज सक्रिय रूप से न्यूजीलैंड में भारत विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने लगा। ध्यान रहे कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भी न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के समक्ष खालिस्तानी आंदोलन का मुद्दा उठाया जा चुका है।