नई दिल्ली। कहते हैं कि इंसान को अपने कर्मों की सजा यहीं इसी धरा पर मिल जाती है। यह गीता में लिखा हुआ वाक्य है, जो कि वर्तमान में माफिया अतीक अहमद पर बिल्कुल चरितार्थ हो रहा है। अतीक को अपने अतीत में किए गए सभी कुकृत्यों की सजा मिल रही है। पहले उसे राजू पाल हत्याकांड मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और अब उसके और उसके बेटे के खिलाफ एक और मामले में आरोप तय किया गया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, अतीक अहमद को लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल से रंगदारी मांगने मामले में एक साल की सुनाई गई है। 28 दिसंबर 2018 को मोहित ने कृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में अतीक पर आरोप था कि उसके गुर्गों ने मोहित जायसवाल का दफ्तर से अपहरण करवाया था। इसके बाद उससे जबरन जेल ले गए, जहां अतीक ने उससे रंगदारी मांगी थी। इतना ही नहीं, अतीक ने मोहित के साथ मारपीट भी की थी और उससे कथित तौर पर किसी सादे पन्ने में हस्ताक्षर भी कराए थे। हालांकि, उस कागज में क्या था। उस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी। आरोप है कि मोहित के दस्तख्त करने से इनकार करने पर अतीक, उसके बेटे उमर तथा गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान ने तमंचे-रॉड और पट्टे से उसे पीटा था। इतना ही नहीं, अतीक ने जबरन मोहित से हस्ताक्षर करवाकर उसकी 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करवा ली थी।
अतीक के खिलाफ 100 से भी अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें रंगदारी, गैंगस्टर, फिरौती शामिल है। हालांकि, अब उसे कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन अभी-भी कई ऐसे मामले में शामिल हैं, जिसमें उसे सजा सुनाया जाना बाकी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में अतीक के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई होती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।