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Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़ते हालातों को देखकर विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को लिखा खत, उठाई ये मांग

Manipur Violence: राज्य में लगातार चल रही झड़पों से मणिपुर के विभिन्न समुदायों में गुस्से और अलगाव की गहरी भावना पैदा हो गई है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की मांग की जा रही है। लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने में उनकी विफलता के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें जांच के दायरे में आ गई हैं।

नई दिल्ली। 3 मई 2023 से मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही जातीय हिंसा के बाद, भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के संसद सदस्यों ने शांति बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई के लिए मणिपुर के राज्यपाल से राज्य में शांति स्थापित करने की अपील की है।

29 जुलाई, 2023 को इंफाल पहुंचकर संसद सदस्यों ने चूड़ाचांदपुर, मोइरांग और इंफाल में राहत शिविरों का दौरा कर स्थिति का मौके पर ही आकलन किया। हिंसा के विनाशकारी प्रभावों को देखते हुए, उन्होंने प्रभावित व्यक्तियों से बातचीत की, जिनकी चिंता, अनिश्चितता, दर्द और दुःख की कहानियों प्रतिनिधिमंडल हैरान रह गया।

राज्य में लगातार चल रही झड़पों से मणिपुर के विभिन्न समुदायों में गुस्से और अलगाव की गहरी भावना पैदा हो गई है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की मांग की जा रही है। लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने में उनकी विफलता के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें जांच के दायरे में आ गई हैं। आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं – 140 से अधिक मौतें, 500 से अधिक घायल, 5000 से अधिक घर जलाए गए, और 60,000 से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए। ये संख्याएँ लगभग तीन महीनों तक स्थिति को नियंत्रित करने में राज्य की असमर्थता की एक गंभीर तस्वीर पेश करती हैं।