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Mathura Vrindavan: कान्हा के प्यार में शबनम बनी ‘मीरा’, तलाक के बाद वृंदावन को बनाया अपना वास

Mathura Vrindavan: खास बात ये है कि कान्हा के प्रेम में डूबी ये महिला मुस्लिम समुदाय से संबंध रखती है लेकिन अब वो वृंदावन में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित गोपाल आश्रम में रह रही है।

नई दिल्ली। कहते हैं इंसानों के बीच प्यार भले ही मतलब के लिए होता हो लेकिन भगवान से प्यार सच्चे दिल से होता है। भगवान से अगर कोई प्यार करता है तो वो अपने जीवन में सदैव प्रसन्न और सफल ही रहता है। सच्चे भक्त भी हमेशा यही कहते हैं कि उनके प्रभु उनकी हर तरह से रक्षा करते हैं और उन्हें किसी तरह का कष्ट नहीं होने देते। अब एक ऐसी ही भक्त कान्हा की नगरी ब्रजभूमि पहुंची है जिसने प्रभु से प्रेम के लिए अपना घर- परिवार सभी को छोड़ दिया है। खास बात ये है कि कान्हा के प्रेम में डूबी ये महिला मुस्लिम समुदाय से संबंध रखती है लेकिन अब वो वृंदावन में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित गोपाल आश्रम में रह रही है।

Mathura Vrindavan

कान्हा के प्रेम में डूब कर गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित गोपाल आश्रम में रहने को पहुंची महिला का नाम शबनम है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित जिगर कॉलोनी की निवासी शबनम से पिता का नाम इकराम हुसैन है। बर्तन और पीतल की मूर्ति बनाने का काम करने वाले इकराम हुसैन की बेटी शबनम का शुरू से ही हिंदू धर्म के प्रति लगाव था। हिंदू देवी-देवताओं को भी शबनम शुरू से ही पसंद करती थी। इस बीच शबनम का निकाह दिल्ली के शाहदरा निवासी से हुआ लेकिन 5 साल में ही उसका तलाक हो गया था। तलाक के बाद से ही शबनम अपने पिता के पास वापस लौट आई थी और वहीं रहने लगी थी। लेकिन यहां पर वो ज्यादा समय तक नहीं रह पाई।

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कान्हा से उसका प्रेम ऐसा बढ़ा कि वो हाथों में लड्डू गोपाल लेकर वृंदावन धाम चली आई और यही रहने लगी। शबनम का कहना है कि उसने अपने परिवार से नाता तोड़ दिया है। अपने भाई बहनों सभी से बात करना बंद कर दिया है।

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लेडी बाउंसर का भी किया काम

शबनम का कहना है कि पति से तलाक के बाद उसने एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया। कंपनी में उसने लेडी बाउंसर के तौर पर कुछ महीनों के लिए काम किया लेकिन बाद में उसने इस काम को छोड़ दिया और कृष्ण भक्ति में लीन हो गई। शबनम का कहना है कि अब वो अपना पूरा जीवन कृष्ण भक्ति में ही बिताना चाहती है।