नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीनबाग में बैठे प्रदर्शनकारियों के बीच सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा को लेकर मतभेद पैदा हो गया है। प्राचा जब प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मंगलवार की शाम चार बजे धरना स्थल पर पहुंचे तो कुछ लोग उन्हें वापस भेजे जाने की मांग करने लगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि “ये अब यहां क्यों आए हैं? जब हमारे लोगों के खिलाफ मुकदमे हुए थे, तब ये कहां थे? साथ ही एक गुट ऐसा भी नजर आया जो महमूद प्राचा के समर्थन में खड़ा रहा। उनका कहना है कि प्राचा हमारे लीगल एडवाइजर हैं।”
शाहीनबाग में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच कुछ समय से मतभेद देखने को मिल रहा है। पहले जहां प्रदर्शन खत्म करने और न करने को लेकर अलग-अलग गुटबाजी देखने को मिली थी, वहीं अब इस प्रदर्शन की अगुवाई को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोगों से बातचीत कर रास्ता खुलवाने के प्रयासों के बाद अब प्रदर्शन की अगुवाई करने की होड़ और बढ़ गई है।