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Maharashtra Political Crisis: ‘पहले भी देखी है ऐसी बगावत’, भतीजे अजीत के शिंदे सरकार में शामिल होने पर बोले शरद पवार

अपने भतीजे अजित पवार के बागी रूख पर शरद पवार ने कहा कि, ‘मुझे इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरे साथ ऐसा पहले भी हो चुका है। मैंने ही इस पार्टी की स्थापना की थी और आगे भी इस पार्टी को खड़ा करके दिखाऊंगा। अब लोग मेरी पार्टी का नाम लेकर क्या कुछ करने जा रहे हैं, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में वही हुआ जिसके कयास पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे थे। अजित पवार ने तो अपने चाचा और राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी कहे जाने शरद पवार से भी आगे निकल गए। अजित ने 2019 के लोकसभा चुनाव की अधूरी सियासी पटकथा को पूरा करते हुए आखिरकार बीजेपी के खेमे में शामिल हो ही गए। रविवार को अजित पवार ने नया अपने समर्थकों के साथ मिलकर नया सियासी बम फोड़ दिया। इसके लिए अजीत पवार ने सबसे पहले अपने आवास पर एनसीपी के 9 विधायकों की बैठक बुलाई। इसके बाद वो अपने समर्थकों के राजभवन पहुंचे। जहां अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, तो वहीं दूसरी तरफ उनके समर्थकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास के मोर्चे पर किए गए कार्यों से प्रभावित होकर एनडीए में शामिल होने का फैसला किया। पवार ने आगे कहा कि अब वो आगामी दिनों में एनसीपी पर दावा ठोकेंगे। वहीं, आज महाराष्ट्र में सियासी भूचाल को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार ने प्रेस कांफ्रेंस किया। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा?

प्रेस कांफ्रेंस में क्या-क्या बोले शरद पवार?

अपने भतीजे अजित पवार के बागी रूख पर शरद पवार ने कहा कि, ‘मुझे इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरे साथ ऐसा पहले भी हो चुका है। मैंने ही इस पार्टी की स्थापना की थी और आगे भी इस पार्टी को खड़ा करके दिखाऊंगा। अब लोग मेरी पार्टी का नाम लेकर क्या कुछ करने जा रहे हैं, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह मेरी पार्टी है और मैं इसे खड़ा करके रहूंगा। उन्होंने राष्ट्रवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी की नीति में बगावत का बिगूल फूंकना शामिल नहीं है। पवार ने आगे कहा कि टीएमसी सुप्रिमो ममता बनर्जी, खरगे सहित  पार्टी के अन्य नेताओं ने मुझे अपना समर्थन दिया है। इसके लिए मैं  उनके प्रति अपना आभार प्रकट करता हूं। अब विपक्ष का नेता कौन है, ये स्पीकर तय करेंगे। मेरी असली ताकत पार्टी के कार्यकर्ता व आम लोग हैं।  ये दोनों ही मेरे साथ हैं। लोग इस बात को  जानते हैं कि मैंने ही इस पार्टी का गठन किया था। पवार ने  अतीत का हवाला देते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि आज तक जो भी पार्टी से गया है, उसे चुनाव में हार का मुंह ही देखना पड़ा है। अब एनसीपी किसकी है, इसका फैसला मैं नहीं, बल्कि लोग करेंगे। मैं आगामी दिनों में उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा, जिन्होंने पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम किया है।

पवार ने आगे कहा कि, ‘दो दिन पहले पीएम ने एनसीपी को लेकर कहा था…उन्होंने अपने बयान में दो बातें कही थीं कि एनसीपी एक खत्म हो चुकी पार्टी है. उन्होंने सिंचाई की शिकायत और भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया. मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने शपथ ली है. इससे (एनडीए सरकार में शामिल होने) यह स्पष्ट है कि सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।’ मैं उनका आभारी हूं।  उन्होंने आगे कहा कि , ‘एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है, “मेरे कुछ सहयोगियों ने अलग रुख अपनाया है. मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे लेकिन उससे पहले बैठक में कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।”

इन लोगों का किया शुक्रिया 

पवार ने प्रेसवार्ता में कहा कि, ‘ यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या बल मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा, वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए। पवार ने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा भी किया जिन्होंने इस मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया  है। पवार ने कहा कि, ‘मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है. कल, मैं वाईबी चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व सीएम) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।