Maharashtra: शिंदे सरकार के बारे में अजीत पवार की यह बात सुनकर शरद पवार के भी उड़ जाएंगे होश

Maharashtra: उम्मीद है कि इतना सबकुछ पढ़ लेने के बाद अब तक आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात करने जा रहे हैं। दरअसल, हम एनसीपी नेता अजीत पवार की बात करने जा रहे हैं। पवार साहब अनरत ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जिससे उनकी विश्वनीयता मिट्टी में मिल सकती है।

सचिन कुमार Written by: May 15, 2023 4:08 pm
ajit pawar and sharad pawar

नई दिल्ली। ये कभी रातोंरात बीजेपी के साथ हाथ मिला लेते हैं, तो कभी ईवीएम पर सवाल उठाने वालों की बोलती बंद कर देते हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ कर जाते हैं, तो कभी शरद पवार के इस्तीफे को सही बताते हैं। अब इनकी गतिविधियों को देखकर तो मन में एक ही सवाल आता है कि आखिर ये चाहते क्या हैं? जब बीजेपी के साथ जाकर सरकार बनाई, तो लगा शायद इनका सीएम बनने का ख्वाब हो। जब पीएम मोदी की तारीफ की तो लगा अब शायद बीजेपी का दामन थामेंगे। वहीं, जब शरद पवार के इस्तीफे को उचित बताया, तो लगा शायद अब एनसीपी की बागडोर संभालना चाहते हैं, लेकिन फिर साहब ने खुद मीडिया के सामने बयान दे डाला कि आई एम नॉट इंटरेस्टेड फॉर एनसीपी चीफ पोस्ट, तो फिर अब हम यही कहेंगे कि साहब आप चाहते क्या हैं ? जरा कुछ खुलकर बताएंगे।

उम्मीद है कि इतना सबकुछ पढ़ लेने के बाद अब तक आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात करने जा रहे हैं। दरअसल, हम एनसीपी नेता अजीत पवार की बात करने जा रहे हैं। पवार साहब अनवरत ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जिससे उनकी विश्वनीयता मिट्टी में मिल सकती है। यकीन ना हो तो आप खुद ही नीचे लगे ट्वीट में देखिए कि साहब क्या कह रहे हैं। अजीत पवार कह रहे हैं कि अगर शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता भी रद कर दी जाए तो मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह सरकार प्रदेश में यथावत बनी रहेगी। अब इनके इस बयान को आप क्या कहेंगे। जहां एक तरफ इनके जेष्ठ भ्राता शरद पवार आगामी लोकसभा चुनाव के आलोक में विपक्षी एकता की नौका पर सवार होकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने में जुटी है, तो वहीं इनके अनुज शिंदे की तरफदारी कर रहे हैं।


बीते रविवार को ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के नेताओं की बैठक हुई। जिसमें सभी का पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ यही कहना है कि कर्नाटक में हुई कांग्रेस की जीत महज कांग्रेस की जीत नहीं, बल्कि पूरे विपक्षी बिरादरी की जीत है। सभी उत्साहित हैं, लेकिन ऐसी सूरत में आखिर बीजेपी का पक्ष लेकर अजीत पवार क्या कहना चाह रहे हैं? आखिर उनके दिमाग में क्या चल रहा है? क्या वो महाराष्ट्र में किसे बड़े सियासी तूफान का आगाज करने जा रहे है? ये तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

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