शरद पवार ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के राज्यपाल की शिकायत की
Sharad Pawar writes to PM Modi : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari ) की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे वह हैरान हैं।
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari ) की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे वह हैरान हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल कोश्यारी और मुख्यमंत्री ठाकरे के बीच वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। यह बवाल धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने को लेकर शुरू हुआ, जिस पर ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी आमने-सामने हैं।
पवार ने पत्र में लिखा कि राज्यपाल का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी भाषा में शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए। पवार ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं। मैं राज्यपाल के अपना मत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी सराहना करता हूं, लेकिन राज्यपाल के पत्र और उस तरह की भाषा को देखकर मैं हैरान हूं।”
It was brought to my notice through the media, a letter written by the Hon. Governor of Maharashtra to the @CMOMaharashtra
In this letter the Hon. Governor has sought the intervention of the Chief Minister to open up religious places for the public. pic.twitter.com/1he2VOatx3
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 13, 2020
राज्यपाल के पत्र में सेक्युलर शब्द का जिस तरह इस्तेमाल किया गया है उसे लेकर शरद पवार ने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से असंयमित भाषा का प्रयोग किया गया है। दुर्भाग्य से राज्यपाल का पत्र किसी राजनीतिक पार्टी के नेता का पत्र लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात में विश्वास करता हूं कि लोकतंत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री में स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है, लेकिन इसकी भाषा संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के पद की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए।’
पवार ने लिखा कि उन्होंने इस बारे में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात नहीं की है, लेकिन वे चाहते हैं कि माननीय राज्यपाल की ओर से संवैधानिक पदों के क्षरण किए जाने को लेकर अपना दुख आपसे और जनता से साझा करूं।
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने ठाकरे को हाल ही में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
राज्यपाल ने इसमें कहा है कि यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्तिव्यक्त की है।
इसमें कहा गया है कि मुझे आश्चर्य है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं।