
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है, जबकि राजनेता स्थिति का फायदा उठाने के लिए विरोध स्थलों पर पहुंच रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत भी किसानों के समर्थन में गाजीपुर सीमा पर पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। राउत ने आईएएनएस को बताया, “उद्धव ठाकरे ने विशेष रूप से मुझे भेजा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसानों के समर्थन में हैं। हमने 26 जनवरी के बाद सीमा पर जिस तरह का माहौल देखा और राकेश टिकैतजी की आंखों में आंसू देख हम कैसे चुप रह सकते हैं।” हाल ही में सीमा पर जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए पूरा देश भाजपा से नाराज है। अब राकेश टिकैत तय करेंगे कि हमारी रणनीति आगे क्या होगी।”
जब राउत से पूछा गया कि वह 2 महीने बाद सीमा पर क्यों पहुंचे, तो उन्होंने कहा, “अब आंदोलन को ताकत देने की जरूरत है।” इस सवाल पर कि क्या शिवसेना किसानों के मुद्दे पर भाजपा से नाराज है, राउत ने कहा, “किसानों के साथ राजनीति मत करो।” सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है।
संजय राउत के इस दौरे पर लोगों ने दिए इस तरह के जवाब..
अगर संजय राऊत युपी में नॉटी भाषा का प्रयोग करेगा ,तो इसका भी वही हाल होगा जो सोमनाथ भारती के साथ हुआ था।
— Mukesh Singh (@mukesh5p) February 2, 2021
सत्ता और पैसों के नशे में चूर ये देशद्रोहियों तुम ईश्वर से शक्तिशाली नहीं हो, तुम्हें केवल पैसा और सत्ता का नशा है! #भारत सरकार अभी तुमसे ये सारी सुविधाएं, पैसा, #सत्ता जब्त कर ले तो तुम 0 हो जाओगे।
देश को सताना, #देश को तोड़ना, जनता-जनार्दन को परेशान करना बंद कर दो, सुधर जाओ!— Veer Bharatvanshi (@VeerBharatvansh) February 2, 2021
केंद्र सरकार यह जानते हुए कि किसान कानून पर चर्चा हेतु उसकी बात किसानो से नहीं बल्कि वामपंथियों से हो रही हैं,परन्तु देश को सत्य पता चले,ससम्मान उनको सुना व संसोधन स्वीकार भी किये परन्तु गणतंत्र दिवस पर हिंसा व राष्ट्रध्वज का अपमान कर
वामपंथियों ने स्वयं को उजागर किया ??
— Baliram Yadav (@Baliramyadav007) February 2, 2021
उत्तर प्रदेश के निर्लज्ज किसान युवा इस संजय राउत को अपना खैरख्वाह समझ रहे हैं जबकि महाराष्ट्र में ये यूपी के “भाइयों” को देख लेने की धमकी दे चुका है।
— Dr.Jitendra Sharma (@Jitendr47505778) February 2, 2021
जब सुवर ,कुत्ते ,बिल्ली, भेड़, बकरी, लोमड़ी,सियार और साँप बिच्छू एक जगह पानी पीने लगे तो समझ जाओ दूसरे घाट पर शेर है। ??
— Arjun Sahu (@ArjunSahu21) February 2, 2021
अरबों की संपत्ति वाला राकेश टिकैत क्या गरीब किसान हैं ?
— Anup Kumar (@AnupKum93742661) February 2, 2021
पहले कहते थे #EVM खराब है अब कहते है #Twitter खराब है..
उम्मीद है अब जल्द ही
कांग्रेस बोलेगी #हिंदुस्तान_की_जनता ही खराब है..? pic.twitter.com/wWnhYbUBQw— Ritesh Kunwar (@RiteshKunwar15) February 2, 2021
दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद, किसान निकाय दबाव में थे, लेकिन अब विपक्षी राजनीतिक नेताओं ने आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए उनकी मदद की, जिससे आंदोलनकारियों का उत्साह और भर गया है।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि, “हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई।”