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TV Debate: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग या फव्वारा? इतिहासकार ने उठाया सच से पर्दा  

TV Debate: बता दें कि अभी मुख्तलिफ टीवी चैनलों में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहस का सिलसिला जारी है। सभी क्षेत्रों के प्रबद्ध लोग चैनलों में जाकर अपनी राय सार्वजनिक कर रहे हैं। ध्यान रहे कि तीन दिनी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में कई ऐसे साक्ष्य संग्रहित किए गए हैं, जिसके आधार पर हिंदू पक्ष के दावे ही प्रबल होते माने जा रहे हैं।

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिनी सर्वे के उपरांत मिले साक्ष्यों के उपरांत हिंदू पक्षों की ओर से मंदिर होने के दावे प्रबल होते दिख रहे हैं। लेकिन मुस्लिम पक्ष की ओर से अनवरत उपरोक्त दावों की विश्वनियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं अब इन सबके बीच ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने सर्वे के विरुद्ध  सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर आज सुनवाई हुई। वहीं, आज वाराणसी कोर्ट में भी सुनवाई हुई। दोनों ही अदालतों में हिंदू-मुस्लिम पक्षों की ओर विभिन्न प्रकार के दावे किए गए। जहां हिंदू पक्ष ने अब तक संग्रहित किए गए साक्ष्यों के आधार पर मंदिर होने के दावे किए, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देकर उपरोक्त दावों को नकारने की कोशिश की। उधर, मुस्लिम पक्ष ने यह भी दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग असल में शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है। बहरहाल, अभी इसे लेकर बहस का सिलसिला जारी है। दोनों ही पक्षों की ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। अब किसके दावे में कितना दम है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन अब इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। और ये खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि एक इतिहासकार ने किया है, तो अब तो आप समझ ही सकते हैं कि जब किसी ऐतिहासिक संदर्भ में कोई खुसाला किसी इतिहासकार द्वारा किया जा रहा है, तो  उसकी विश्वनियता को सवालिया कठघरे में खड़ा करना किसी हिमाकत से कम नहीं होगी। चलिए, अब आगे जान लीजिए कि आखिर कौन हैं, वो इतिहासकार, जिन्होंने शिवलिंग के सच से उठाया पर्दा।

तो इस इतिहासकार का नाम प्रोफेसर कपिल कुमार है। जिन्होंने शिवलिंग और फव्वारे के बीच की गुत्थी को सुलझा दिया है। दरअसल, प्रोफेसर साहब किसी निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। वहां मौजूदा एक पत्रकार उनसे सवाल किया था कि आप तो इतिहासकार हैं, तो जरा आप ही बताइए कि आपको क्या लगता है कि ये ज्ञानवापी मस्जिद में फव्वारा है या शिवलिंग है, तो इस पर उन्होंने कहा कि देखिए आकृति से तो  साफ जाहिर होता है कि यह फव्वारा नहीं, बल्कि शिवलिंग है। लेकिन जैसे ही उन्होंने इसके शिवलिंग होने की पुष्टि कर दी, तो वहां बैठे कुछ लोगों को मिर्ची लगी और बिना किसी तर्क व आधार के होहल्ला करने लगे। लेकिन बाद में प्रोफेसर साहब ने ऐसे सभी लोगों के तर्कों के आधार पर बोलती बंद कर दी। दरअसल, प्रोफेसर साहब की बात को सिरे से खारिज करते हुए डिबेट में मौजूद मौलाना साहब ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया तो इस पर प्रोफेसर साहब ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट क्या करेगा। हम और आप जो साक्ष्य उनके समक्ष प्रस्तुत करेंगे, वो उन्हीं के आधार पर फैसला सुनाएंगे। और साक्ष्यों के सुप्रीम कोर्ट के पहुंचने की क्या प्रक्रिया है। इससे तो आप भलीभांति परिचित हीं हैं। बता दें कि डिबेट के दौरान ओवैसी साहब का भी जिक्र हुआ। डिबेट में कहा गया कि ओवैसी साहब अपनी सहूलियतों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट का बखूबी इस्तेमाल करना जानते हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: हिंदू पक्ष ने किया शिवलिंग होने का दावा, तस्वीरें आईं सामने - Gyanvapi controversy Hindu side claimed to be Shivling pictures surfaced ntc - AajTak

बता दें कि अभी मुख्तलिफ टीवी चैनलों में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहस का सिलसिला जारी है। सभी क्षेत्रों के प्रबद्ध लोग चैनलों में जाकर अपनी राय सार्वजनिक कर रहे हैं। ध्यान रहे कि तीन दिनी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में कई ऐसे साक्ष्य संग्रहित किए गए हैं, जिसके आधार पर हिंदू पक्ष के दावे ही प्रबल होते माने जा रहे हैं। अब दो दिन बाद कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल की जानी है। हालांकि, सर्वे रिपोर्ट आज ही दाखिल होनी थी, लेकिन समय के आभाव में रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है, जिसे ध्यान में रखते हुए कमिश्नर विशाल की तरफ से दो दिन की मोहलत की मांग की गई है। कोर्ट ने दो दिन की मोहलत दे दी है। अब देखना होगा कि रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद क्या कुछ निर्णय लिए जाते हैं। उधर, आज इस पूरे मसले पर वाराणसी कोर्ट ने भी उपरोक्त मसले पर सुनवाई करते हुए कमिश्नर अजय मिश्र को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बता दें कि पहले विशाल ने उन पर अपेक्षित सहयोग नहीं व सर्वे के संदर्भ में मीडिया में खबरें सार्वजनिक करने का भी आरोप लगाया था। फिलहाल अब मसला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में देखना होगा कि आगे चलकर इस पर क्या कुछ फैसला लिया जाता है। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम