नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज दूसरे चरण के लिए मतदान डाले जा रहे है। दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग हो रही है। वहीं सत्ताधारी भाजपा को हारने के लिए समाजवादी पार्टी ने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया हुआ है। वहीं इस बार अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। अहम बात ये है कि शिवपाल यादव ने सारे शिकवे गिले दूर कर भतीजे के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच खटास दूर हो गई है। लेकिन समय-समय शिवपाल यादव का दर्द छलकते हुए नजर आया है। इसी क्रम में एक बार फिर शिवपाल का दर्द छलका है। इस बार सियासी गठबंधन में टिकटों के मामले में हुई उनकी उपेक्षा का दर्द सामने आया हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि शिवपाल ने सत्ताधारी भाजपा को मात देने के लिए भतीजे अखिलेश यादव की पार्टी के साथ गठजोड़ किया है और इतना ही नहीं शिवपाल ने बलिदान देते हुए यूपी में महज सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने को राजी हो गए। दरअसल रविवार को शिवपाल यादव अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मन्नत मांगने इटावा के एक मजार में पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, ”हमने 3 साल पहले से तैयारी कर ली थी। 100 सीटों पर प्रत्याशी लड़ाना था और हम जानते हैं कि अगर हम प्रत्याशी लड़ा देते तो सपा गठबंधन की कभी सरकार नहीं बनती। लेकिन अब अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना है।”
बता दें कि प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा के चीफ शिवपाल सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चाचा और भतीजे हैं। दोनों के बीच साल 2011 में दरार पैदा हो गई थी। इतना ही नहीं शिवपाल यादव को समाजवदी पार्टी से निकाल दिया गया था।