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Shivpal Yadav: बदायूं सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की शिवपाल यादव की नहीं है इच्छा!, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सीट से आजमाना चाहते हैं किस्मत

Shivpal Yadav: खबर के मुताबिक शिवपाल सिंह यादव को पहले बदायूं आना था, लेकिन वो नहीं आए। वहीं, शिवपाल सिंह के बेटे आदित्य यादव को भी बदायूं का दौरा करना था। लगातार 2 बार आदित्य यादव के बदायूं आने की जानकारी स्थानीय सपा नेताओं को मिली, लेकिन दोनों ही बार आदित्य यादव बदायूं नहीं आए।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों यूपी की कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का एलान किया था। समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को बदायूं सीट से उतारने की घोषणा भी की थी, लेकिन अब इसमें पेच फंस गया है। हिंदी अखबार अमर उजाला के मुताबिक शिवपाल सिंह यादव बदायूं सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं चाहते। अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि शिवपाल सिंह यादव संभल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

खबर के मुताबिक शिवपाल सिंह यादव को पहले बदायूं आना था, लेकिन वो नहीं आए। वहीं, शिवपाल सिंह के बेटे आदित्य यादव को भी बदायूं का दौरा करना था। लगातार 2 बार आदित्य यादव के बदायूं आने की जानकारी स्थानीय सपा नेताओं को मिली, लेकिन दोनों ही बार आदित्य यादव बदायूं नहीं आए। बदायूं में सपा के स्थानीय नेताओं ने अब तक चुनाव की रणनीति संबंधी बैठक भी नहीं की है। अब उनकी नजर इस पर है कि बदायूं से शिवपाल सिंह यादव को ही अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव लड़ाते हैं, या उनकी सीट बदलकर बदायूं में किसी और को टिकट दिया जाता है।

बदायूं लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी के टिकट पर संघमित्रा मौर्य ने चुनाव जीता था। उन्होंने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को पराजित किया था। संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बीजेपी में थे। फिर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वो सपा में चले गए थे। बीते दिनों ही खटपट के कारण स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा को नमस्ते कह दिया। अब तक यूपी की बदायूं सीट से बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि अगर संघमित्रा की जगह बीजेपी किसी और उम्मीदवार को उतारती है, तो शायद विरोधी दल का ये कदम देखकर शिवपाल और अखिलेश यादव बदायूं सीट के बारे में अगला फैसला कर सकते हैं।