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UP: इधर शिवपाल यादव ने दी जन्माष्टमी पर बधाई, उधर भतीजे अखिलेश को बता डाला कंस

UP: बता दें कि यूपी चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद शिवपाल सिंह की पार्टी ने अखिलेश की सपा से नाता तोड़ लिया था। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से ही अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच लगातार जुबानी देखने को मिल रही है। ऐसे में एक बार फिर चाचा का भतीजे को कंस कहने पर दोनों के बीच जुबानी जंग फिर से छिड़ सकती है। 

नई दिल्ली। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर देशवासियों को ट्विटर के जरिए शुभकामनाएं दी। वैसे तो सियासी बिरादरी से जुड़े लोगों का फेस्टिवल पर बधाई देना आम बात है, लेकिन शिवपाल यादव ने अपने संदेश का जो पत्र जारी किया है उसके सियासी मायने अलग ही निकाले जा रहे हैं। दरअसल इस बधाई संदेश में उन्होंने सपा चीफ अखिलेश यादव पर इशारों ही इशारों में हमला बोला है। शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को कंस बता डाला है। बता दें कि यूपी चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद शिवपाल सिंह की पार्टी ने अखिलेश की सपा से नाता तोड़ लिया था। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से ही अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच लगातार जुबानी देखने को मिल रही है। ऐसे में एक बार फिर चाचा का भतीजे को कंस कहने पर दोनों के बीच जुबानी जंग फिर से छिड़ सकती है।

shivpal yadav and akhilesh yadav

शिवपाल यादव ने अपने पत्र में लिखा, ”यदुवंश शिरोमणि भगवान श्रीकृष्ण जगत गुरु हैं सम्पूर्ण विश्व को गीता का ज्ञान देने वाले शास्वत सनातन भगवान श्रीकृष्ण सभी यदुवंशजों के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व गौरव हैं। समाज में जब भी कोई कंस अपने (पूज्य) पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनाधिकृत अधिपत्य स्थापित करता है, तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं और अपने योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं।”

शिवपाल यादव ने आगे लिखा, ”पूज्य जन और श्रेष्ठ यदुवंशी वीरो निःसंदेह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) भी ईश्वर द्वारा रचित किसी विराट नियति और विधान का परिणाम है। मेरे यदुवंशी भाइयों और बहनों, आप सभी धरा पर धर्म रक्षक श्रीकृष्ण के ध्वजवाहक है। आप बीर और कृष्ण के विराट व्यक्तित्व की प्रतिछाया हैं। स्वाभाविक तौर पर ऐसे में धर्म की रक्षा में आपका दायित्व भी महत्त्वपूर्ण और शायत है। इसलिए हे श्रेष्ठ यदुवंशी वीरों। समाज में धर्म की स्थापना, शांति, सुरक्षा, सदभाव, समरसता, समन्वय व एकता और लोक कल्याण हेतु ने आप सभी का आह्वान करता हूं।”