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UP: शिवपाल ने तैयार किया था ऐसा घातक प्लान, अगर मान ली होती चाचा की बात, तो आज योगी की जगह पर CM होते भतीजे अखिलेश !

अखिलेश ने बाकायदा शिवपाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिए थे। ध्यान रहे कि चाचा भतीजे के बीच रिश्ते में खटास थी, लेकिन अब जब दोनों ने एक साथ मंच साझा किए दोनों खुद के रिश्तों के दुरूस्त होने के संकेत दे दिए हैं। संबोधन में शिवपाल ने संकेत दे दिए थे कि उनके अखिलेश के साथ बिल्कुल दुरूस्त हैं।

नई दिल्ली। गत दिनों सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर उपचुनाव को लेकर सूबे का सियासी ताप चरम पर है। बीजेपी ने जहां इस सीट पर रघुराज सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं दूसरी तरफ सपा ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए बहू डिंपल यादव पर दांव आजमाया है। उपचुनाव को लेकर चुनाव-प्रचार का सिलसिला जारी है। मैनपुरी सीट पर उपचुनाव को लेकर बेहद ही अलहदा अंदाज में चुनाव प्रचार देखने को मिल रहा है। बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य जहां प्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी पर निशाना साधने से दूरी बना रहे हैं, तो वहीं डिंपल यादव नेताजी के नाम पर वोट मांग रही हैं। यह सीट अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है, क्योंकि मैनपुरी शुरू से ही मुलायम सिंह यादव का गढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में अखिलेश के लिए इस सीट को बचाना नाक का विषय बन चुका है।

शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

बता दें कि बीते दिनों चुनाव प्रचार में प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी दिखें थे। उन्होंने डिंपल यादव के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था। लोगों से डिंपल को वोट देने की अपील करने के साथ ही बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा था। इस बीच शिवपाल ने बीजेपी की नीतियों की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की नीतियों की वजह से आज देश गर्त में आ रहा है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। हर मोर्चे पर आज देश बदहाल है। वहीं, इस चुनाव में एक खास बात यह भी देखने को मिली थी कि चाचा भतीजे ने एक साथ मंच साझा किए थे।

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अखिलेश ने बाकायदा शिवपाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिए थे। ध्यान रहे कि चाचा भतीजे के बीच रिश्ते में खटास थी। लेकिन अब जब दोनों ने एक साथ मंच साझा किए तो रिश्तों को लेकर जारी सभी कयासों को विराम मिल चुका है। संबोधन में शिवपाल ने संकेत दे दिए थे कि उनके अखिलेश के साथ रिश्ते बिल्कुल दुरूस्त हैं। गत दिनों शिवपाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि बहू डिंपल यादव के कहने पर वे अखिलेश के साथ आए हैं। वैसे भी मैनपुरी सीट नेताजी की धरोहर रही है, तो इसे बचाना हमारे लिए जरूरी हो जाता है।

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वहीं, मैनपुरी उपचुनाव के बीच शिवपाल यादव का दर्द छलका है। जिसमें उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव का जिक्र कर कहा कि अगर अखिलेश यादव ने मेरी बात मान ली होती है, तो आज वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होते। शिवपाल ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। अगर दी गई होती तो आज अखिलेश यादव मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होते। शिवपाल ने इस बात पर जोर देकर कहा कि अगर मुझे गत चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी गई होती तो हर विधानसभा सीट से 10 से 15 हजार वोट बढ़ जाते और इस तरह से अखिलेश के पाले में 250 से ज्यादा सीटें आती और वे आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होते।