
नई दिल्ली। मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। आज राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें सभी विधायक शामिल हुए थे। बैठक में शामिल होने खुद मध्य प्रदेश के पर्यवेक्षक व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी शामिल हुए थे। विधायक दल की बैठक की शुरुआत मनोहर ने अपने संबोधन के साथ की थी, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था। बता दें कि शिवराज सिंह को विधायक दल की बैठक के लिए प्रस्तावक बनाया गया था। उधर, मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद मोहन यादव सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन पहुंच चुके हैं। मोहन यादव ओबीसी समुदाय से आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व ओबीसी समदुाय को साधने का प्रयास किया है। प्रदेश में लोकसभा की 33 सीटें हैं। चुनाव में महज पांच माह ही शेष रह गए हैं। ऐसे में अब पार्टी कोई भी कदम आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उठा रही है।
कर्मठ साथी श्री @DrMohanYadav51 जी को भाजपा विधायक दल की बैठक में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री मनोनीत किये जाने पर हार्दिक बधाई।
मुझे विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल मार्गदर्शन में आप मध्यप्रदेश को प्रगति एवं विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जायेंगे तथा… pic.twitter.com/NkVo2PrV9x
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 11, 2023
वहीं, मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि कर्मठ साथी श्री मोहन यादव जी को भाजपा विधायक दल की बैठक में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री मनोनीत किये जाने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में आप मध्यप्रदेश को प्रगति एवं विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जायेंगे तथा जनकल्याण के क्षेत्र में नये कीर्तिमान रचेंगे। इस नई जिम्मेदारी के लिए बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएं!
मोहन यादव के पास राजनीति में 41 साल का राजनीतिक का सफर है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का आगाज अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से किया था। उन्होंने चार दशक की राजनीतिक सफर में पार्टी द्वारा प्रदान की गई कई भूमिकाओं का निर्वहन किया है।