नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी घमासान जारी है। जहां कुछ दल इस उद्धाटन का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं कुछ समर्थन। नए संसद भवन पर जारी सियासी रार का आगाज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट से किया था, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने पर सवाल उठाया था और यह मांग की थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, क्योंकि संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है। वहीं, राहुल गांधी द्वारा इस पूरे मसले को हवा देने के बाद कई दूसरे दल भी इस घमासान में शामिल हो गए। बता दें कि अब तक 21 दलों ने इस उद्घाटन समारोह का विरोध किया है, तो वहीं 25 ने समर्थन। वहीं, कई विपक्षी नेताओं ने सामने आकर बहिष्कार की मांग कर रहे विरोधी दलों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की अपील की है, जिसमें बसपा प्रमुख मायावती का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर बहिष्कार कर रहे विरोधी दलों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
वहीं, बीते गुरुवार को यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने यह मांग की थी नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया जाए, चूंकि वही संसद की प्रमुख हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन कराना असंवैधानिक है। संसद से संबंधित सभी विधायी फैसले लेने का अधिकार अगर किसी के पास होता है, तो वो राष्ट्रपति है। ऐसे में उनसे संसद भवन का उद्धाटन नहीं कराना संविधान की गरिमा का अपमान है। फिलहाल पूरे मसले को लेकर सियासी घमासान जारी है।
आज हुई सुनवाई, जानें कोर्ट ने क्या कहा?
उधर, इस याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका खारिज कर स्पष्ट कर दिया है कि इसमें किसी का भी हित निहित नहीं है। यह चर्चा ही बेबुनियाद है कि आखिर नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री द्वारा नहीं। तो इस तरह से कोर्ट ने याचिका खारिज कर इस पर सुनवाई करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। हालांकि, अभी तक इस पर ना ही बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने आई है और ना ही विपक्षी की ओर से। लेकिन, विवाद जारी है। अब ऐसे में यह विवाद आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
बीजेपी ने क्या कहा
बता दें कि इससे पहले बीजेपी ने विरोध करने वाले सभी दलों को आईना दिखाया था। खासकर कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि शायद इन लोगों को याद हो कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा का उद्धाटन नियमों के मुताबिक तो राज्यपाल द्वारा कराया जाना चाहिए था, लेकिन इन लोगों ने राज्यपाल की जगह कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी से उद्घाटन कराया था।