नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन पर आज अयोध्या में श्री रामलला भगवान को विशेष वस्त्र धारण कराए गए। भगवान श्री रामलला सरकार ने आज जो वस्त्र धारण किए, वह बेहद ही खास हैं। भगवान के वस्त्रों में मयूर व अन्य वैष्णव प्रतीकों को रंग-बिरंगे रेशम और असली जरी का उपयोग करके तैयार किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद ऐसा पहली हुआ है जब प्रभु श्री रामलला के वस्त्रों की ‘शैली’ को बदला गया है। आज से राम नवमी तक प्रभु श्री रामलला सरकार विशेष वस्त्र धारण करेंगे।
चैत्र नवरात्रि प्रथम दिवस पर भगवान के वस्त्र अति विशेष हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात् पहली बार प्रभु के वस्त्रों की ‘शैली’ को बदला गया है। मयूर व अन्य वैष्णव चिन्हों को रंग-बिरंगे रेशम के साथ-साथ असली तारों से काढ़ा गया है ।
दिव्य दर्शन – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रमी संवत… pic.twitter.com/JjfJc4Pgnx
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 9, 2024
इस बीच, रामनवमी को लेकर भी मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार रामनवमी पर श्री रामलला का सूर्य तिलक कराया जाएगा। सूरज की किरणें राम मंदिर में विराजमान भगवान श्री रामलला का अभिषेक करेंगी। रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगाए गए ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के जरिए सूरज की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाया जाएगा। सूर्य की किरणें दर्पण से परावर्तित होकर श्री रामलला के मस्तक पर गोल तिलक के रूप में दिखेंगी। इसका प्रसारण 100 एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूरे अयोध्या में किया जाएगा।
इस सूर्य तिलक को साकार करने के लिए देश के दो वैज्ञानिक संस्थानों की मदद ली जा रही है। रामनवमी पर मंदिर को लगभग 50 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन जिस तरह से हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई थी उसी तरह रामनवमी पर भी पुष्प वर्षा की जाएगी। इससे पहले 30 मार्च को भी भगवान के वस्त्रों में बदलाव किया गया था। श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट कार्यालय की ओर से बढ़ती गर्मी को देखते हुए ये फैसला लिया गया था कि अब से भगवान श्री रामलला को हाथ से बने मलमल के सूती वस्त्र धारण कराए जाएंगे। भगवान के वस्त्रों को प्राकृतिक नील से रंगा गया, और गोटा पुष्पों से सजाया गया है।