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Karnataka: सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार? दोनों में से किसके सिर बंधेगा सीएम पद का सेहरा, जानें यहां

ऐसे ही सूरतेहाल का सामना कांग्रेस को बीते दिनों हिमाचल में भी करना पड़ा था, जब प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद छिड़ गया था, लेकिन इस बार कर्नाटक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है।

नई दिल्ली। कर्नाटक का सियासी दुर्ग फतह करने के बाद अब कांग्रेस के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यही है कि आखिर सूबे की कमान किसे सौंपी जाए। चर्चा में दो ही नाम हैं। पहला सिद्धारमैया और दूसरा डीके शिवकुमार। अब पार्टी किसे सीएम के ताज से नवाजती है। फिलहाल तो इस पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है, लेकिन आपको बता दें कि पार्टी में सूबे के मौजूदा सियासी परिदृश्य के आलोक में चिंतन-मंथन का सिलसिला शुरू हो चुका है। थोड़ी ही देर में पार्टी मुख्यालय में विधायक दल की बैठक होने जा रही है, जिसमें सिद्धारमैया और डीके भी शामिल होंगे। वहीं, कांग्रेस के कई अन्य नेता भी शामिल होंगे। बैठक में यह फैसला लिया जाएगा कि सूबे की कमान किसे सौंपी जाए? इस बीच मुख्यमंत्री  पद को लेकर दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच पोस्टर वॉर भी छिड़ चुका है। दोनों के घरों के बाहर इस संदर्भ में पोस्टर भी चस्पे दिखें हैं। वहीं, डीके के समर्थकों ने नारे भी लगाए कि हमारा सीएम कैसा हो, डीके शिवकुमार जैसा हो, लेकिन दोनों में से पार्टी सीएम की कमान किसे सौंपती है। यकीनन देखना दिलचस्प रहेगा।

जरा ध्यान दीजिएगा…डीके शिवकुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लग चुके हैं, तो वहीं सिद्धारमैया हमेशा ही हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर रहते हैं। वहीं वर्तमान में बीजेपी की हार को लेकर आलोचनाओं का बाजार गुलजार है, तो ऐसी सूरत में बीजेपी मन ही मन यही सोच रही होगी कि कैसे अब हर मसले पर कांग्रेस को निशाने पर लिया जाए। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वो एक-एक कदम फूंक फूंक कर रखे। शायद इसलिए पार्टी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में से किसी के भी नाम पर हामी भरने से गुरेज कर रही है।

siddaramaiah and dk shivkumar

ध्यान रहे कि ऐसे ही सूरतेहाल का सामना कांग्रेस को बीते दिनों हिमाचल में भी करना पड़ा था, जब प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद छिड़ गया था, लेकिन इस बार कर्नाटक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन बीजेपी इस पूरी स्थिति को सूबे की जनता के बीच विवाद के रूप में पेश कर कांग्रेस की विसंगतियों को परिलक्षित कर रही है। वहीं, कर्नाटक कांग्रेस सुशील कुमार शिंदे सहित अन्य नेताओं को पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है, ताकि पार्टी में जारी सियासी विवाद पर विराम लगा सकें। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पार्टी सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में से किसके नाम पर सहमति की मुहर लगाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।