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Mann Ki Baat: आदिवासी क्रांतिकारी सिद्धो-कान्हू, मां के नाम पेड़, केरल का खास छाता और पेरिस ओलंपिक; पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल के पहले मन की बात में किया इस वजह से सबका जिक्र

Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ रेडियो पर शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मन की बात रोकना पड़ा था। अब हर महीने के अंतिम रविवार को पीएम मोदी अपने विचार मन की बात के जरिए देशवासियों के सामने रखेंगे।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ रेडियो पर शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मन की बात रोकना पड़ा था। आज मन की बात में पीएम मोदी ने हूल दिवस, मां, पेड़ लगाने, छातों और पेरिस ओलंपिक के बारे में अपने विचार रखे।

मोदी ने मन की बात में लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए आम जनता और चुनाव आयोग को बधाई दी। उन्होंने धन्यवाद दिया कि लोगों ने संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अटूट भरोसा जताया। आज हूल दिवस है। 1855 में 30 जून की तारीख को आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की थी। मोदी ने इस मौके पर सिद्धो-कान्हू को याद किया और कहा कि उन्होंने हजारों संथाली साथियों को एकजुट कर अंग्रेजों का मुकाबला किया। पीएम मोदी ने मां के साथ रिश्ते पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मां का दर्जा सबसे ऊपर होता है। मां अपने बच्चे पर स्नेह लुटाती है। ये ऐसा कर्ज है, जिसे कोई नहीं चुका सकता। उन्होंने कहा कि इस वजह से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने सभी देशवासियों से अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने खास तरह के छातों के बारे में बात की। जो केरल में बनते हैं। इनको कार्थम्बी छाता कहा जाता है और अट्टापडी में बनाए जाते हैं। रंग-बिरंगे छातों को आदिवासी महिलाएं बनाती हैं और इनको ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। मोदी ने इसे नारीशक्ति का रूप बताया। उन्होंने कहा कि केरल की संस्कृति में छातों का बड़ा खास महत्व है और इनको विधि-विधान में भी इस्तेमाल किया जाता है। मोदी ने पेरिस ओलंपिक की भी बात की। पेरिस में जुलाई के महीने में ओलंपिक होगा। मोदी ने टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को याद किया और बताया कि इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में भारत के खिलाड़ी कुछ श्रेणियों में पहली बार हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय खिलाड़ियों ने 900 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।