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Maharashtra Speaker Vs Supreme Court: शिवसेना के मसले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष-सुप्रीम कोर्ट में तलवारें खिंचने के संकेत, नार्वेकर ने विधानसभा की संप्रभुता की दिलाई अदालत को याद

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना-यूबीटी की तरफ से दाखिल अर्जी पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि वो विधायकों की अयोग्यता पर जल्दी फैसला करें। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा था कि अगर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ऐसा नहीं करते, तो वो इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी करेगा।

मुंबई। शिवसेना के मसले पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और सुप्रीम कोर्ट के बीच तलवारें खिंचती दिख रही हैं। शिवसेना में विधायकों के अलग होने और उनकी अयोग्यता के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जल्द फैसला लेने का निर्देश महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दिया गया था। इस पर राहुल नार्वेकर का बयान आया है। राहुल नार्वेकर ने कहा है कि उनकी जिम्मेदारी है कि वो अदालत के आदेश का पालन करें, लेकिन साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने ये भी कहा है कि विधानसभा और विधि मंडल की गरिमा और संप्रभुता का सम्मान करना भी उनकी जिम्मेदारी है। इससे न समझौता किया जा सकता है और न ही किया जाएगा। राहुल नार्वेकर ने ये बयान देकर एक तरह से सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिए हैं कि वो विधायिका के कामकाज में बहुत ज्यादा दखलंदाजी नहीं कर सकता।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना-यूबीटी की तरफ से दाखिल अर्जी पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि वो विधायकों की अयोग्यता पर जल्दी फैसला करें। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा था कि अगर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ऐसा नहीं करते, तो वो इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी करेगा। सुप्रीम कोर्ट के इसी बयान के बाद अब राहुल नार्वेकर का बयान आया है और उन्होंने विधानसभा की संप्रभुता की बात कही है। दरअसल, संविधान में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को एक-दूसरे से अलग होने की बात लिखी है और इन सबकी संप्रभुता को अहम माना गया है। ऐसे में अब राहुल नार्वेकर का ताजा बयान सुप्रीम कोर्ट से उनके टकराव का अहम संकेत माना जा रहा है।

uddhav thakrey and eknath shinde dussehra rally
एकनाथ शिंदे (दाएं) ने साथी विधायकों समेत उद्धव ठाकरे से बगावत की थी।

मामला ये है कि 2022 में एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना को तमाम विधायकों ने छोड़ दिया था। इस पर दलबदल कानून के तहत उद्धव ठाकरे गुट ने विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आवेदन विधानसभा अध्यक्ष को दिया था। इस बीच, चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे वाले गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह भी दे दिया। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट यानी शिवसेना-यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर विधायकों को अयोग्य करने वाली उसकी अर्जी पर जल्दी फैसला नहीं ले रहे हैं। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सख्त रुख अपनाते हुए जल्द फैसला लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया था। वैसे राहुल नार्वेकर इस मामले में सुनवाई कर रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने एकनाथ शिंदे समेत विधायकों को बुलाकर उनसे अपना पक्ष रखने के लिए भी कहा था।